20 को खर्या आदिवासींचा जागर महामोर्चा
ऑल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉईज फेडरेशन,नागपूर के सदस्यों ने दी जानकारी
अमरावती/दि.18– धनगरों को आदिवासी समाज में शामील कर आरक्षण दिए जाने के विरोध में परसो 20 अक्टुबर को खर्या आदिवासींचा जागर महामोर्चा निकाला जा रहा है. इस मोर्चे के दौरान आदिवासी समाज बंधु सहित विभिन्न आदिवासी संगठनों के लगभग 5 हजार लोग शामील होने की संभावना पत्र परिषद व्दारा ऑल इंडिया आदिवासी एम्प्लॉईज फेडरेशन,नागपूर , अमरावती शाखा के सदस्यों ने दर्शायी है.
स्थानीय वॉलकट कम्पॉऊंड में बुधवार को हुई पत्र परिषद में जानकारी देते हुए बताया गया कि राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व अजित पवार अपने राजकीय फायदे के लिए धनगरों को आदिवासी समाज में आरक्षण देकर शामील कर रहे है. अगर धनसंपन्न धनगर समाज आदिवासी संविधानिक आरक्षण सूची में आ जाते है तो आदिवासी समाज के विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो जाएगे. सरकारी सुविधाओं में सच्चे आदिवासी बंधु पीछे हो जाएगे.उच्च शिक्षित, सुशिक्षित बेरोजगार सच्चे आदिवासी सरकारी नौकरियों से वंचित हो जाएगे. कर्मचारी, अधिकारी सभी पदोन्नती से वंचित रह जाएगे. ऐसी कई समस्याओं को लेकर 20 अक्टुबर को सच्चे आदिवासियों का भव्य मोर्चा स्थानीय नेहरु मैदान से निकलकर शहर का भ्रमण करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचेगा. जहां संगठन की ओर से महाराष्ट्र राज्य में सच्चे आदिवासी के संविधानिक आरक्षण सूची में किसी भी परिस्थिती में धनसंपन्न धनगर जाती को समावेश न करे. टाटा इन्स्टिट्यूट ऑफ सोशल सायन्सेस मुंबई संस्था व्दारा धनगर जाती के संदर्भ में सर्वे किए गए अहवाल को उच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत करेंं. व महाराष्ट्र राज्य के सर्वसामान्य जनता की जानकारी के लिए अहवाल खुला करें.
नकली आदिवासी जाती प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी में घुसखोरी किए हुए लोगों की जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने वाले अधिकतर पद पर सेवा संरक्षण दिये हुए गैर आदिवासियों पर 6 जुलाई 2017 को सर्वोच्च न्यायाल व्दारा दिए गए निर्णयनुसार अनुसूचित जमाती जात जांच पडताल कानून में फौजदारी अपराध दर्ज कर घुसपैठ करने वालों को निकालें व रिक्त हुए सरकारी रिक्त पदों पर सच्चे आदिवासी उम्मीदवारों को नियुक्त करें. ऐसी कई मांगे प्रशासन के सामने रखी जाने की बात पत्रपरिषद में कही गयी. इस समय जानकारी देते हुए संगठन के संगठन के राज्य सचिव विठ्ठल मरापे, हेमरत राऊत, दिनेश टेकाम, शंकर धुर्वे, रामेश्वर हिवनाते, नामदेव पेदाम, प्रा. उमेश मडावी सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी मौजुद थे.