100 साल पुरानी इमारत कभी भी गिर सकती थी
अमरावती/ दि. 22- सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस चंद्रचुर व सहयोगी न्यायमूर्ति नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे.डी. पारडीवाल की पीठ ने सुनवाई के दौरान अमरावती शहर के हृदयस्थल माने जानेवाले राजकमल चौक स्थित खस्ताहाल खापर्डे वाडा को गिराने के आदेश जारी किए है. इस वजह से 100 वर्ष पुराना खापर्डे वाडा गिराने का मार्ग अब खुल गया है. यह इमारत कभी भी ढह सकती थी. इस खतरे को देखते हुए आदेश जारी किए गए है.
बता दे कि बीते 27 अक्तूबर को प्रभात टाकीज के समीप जर्जर राजेंद्र लॉज की इमारत ढह जाने के कारण 5 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद महापालिका ने शहर की कुछ जर्जर इमारतें ढहा दी. जबकि राजकमल चौक पर स्थित खापर्डे वाडा का मामला सर्वोच्च न्यायालय में न्यायालयीन विचाराधीन रहने के कारण अदालत में शपथपत्र दायर कर खापर्डे वाडा बेहद जर्जर होने के कारण उसे गिराने की अनुमति मांगी गई थी. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने जर्जर खापर्डे वाडा गिराने के आदेश महानगरपालिका को दिए है. आदेश जारी करते समय किराएदास खापर्डे वाडा मालिक के बीच चल रहे मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू रहेगी. यह भी स्पष्ट किया गया है. शुक्रवार 10 मार्च के दिन नेहरू मैदान से शिवाजी की जयंती पर रैली जब राजकमल चौक पहुंची तब आतिशबाजी की चिंगारी खापर्डे वाडा के छत पर गिरने के कारण छत की घास में आग लग गई थी. घटना के वक्त घबराकर लोग खस्ताहाल वाडे की दिशा में भागने लगे थे. उसके बाद मनपा के राजापेठ झोन में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने तक जनहित में जर्जर खापर्डे वाडा के जर्जर हिस्से के पास बैरिकेट लगाने का प्रस्ताव दिया था. यह प्रस्ताव निगमायुक्त के टेबल पर विचाराधीन रहते वक्त ही सोमवार के दिन सर्वोच्च न्यायालय ने खापर्डे वाडा गिराने के आदेश जारी किए.
* मिट्टी का परीक्षण किया गया था
राजकमल चौराहे पर स्थित जर्जर खापर्डे वाडा गिराने को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने जब यह मुकदमा न्याय प्रविष्ट था. उस वक्त उच्च न्यायालय ने महापालिका को खापर्डे वाडा की मिट्टी परीक्षण करने के लिए अभियंताओं की समिति गठित करने के निर्देश दिए थे. उस समय गर्वमेंट इंजीनियरिंग के 5 अभियंताओं की समिति ने खापर्डे वाडा के मिट्टी का परीक्षण किया था. जिसमें वाडा बेहद जर्जर होने के कारण किसी भी समय गिरने का अनुमान व्यक्त कर उच्च न्यायालय ने खापर्डे वाडा गिराने के निर्देश मनपा को दिए थे. मगर जर्जर वाडे के निचले माले पर रहनेवाले किराएदारों ने सर्वोच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में काफी लंबे समय से प्रलंबित था. इस बीच पहले गांधी चौक की जर्जर दुकान उसके बाद राजेन्द्र लॉज की छत ढहने से 5 मजदूरों की मौत होने के कारण महानगरपालिका ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिज्ञा पत्र दायर कर खापर्डेवाडा गिराने की अनुमति मांगी थी.
* प्रति प्राप्त होना बाकि
खापर्डे वाडा को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में शुरू मामले का निपटारा होनेे का मैसेज ऑनलाइन प्राप्त हुआ है. मगर फैसले की प्रति फिलहाल महापालिका को प्राप्त नहीं हुई है.
-श्रीकांत चव्हाण,
विधि अधिकारी महापालिका