अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

खोडके की भूमिका ना ‘विरोध’ न ‘फेवर’ की

नवनीत के खिलाफ साथी दलों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा

* खोडके ने पार्टी नेताओं को पहले ही सूचित कर दिया था
* यदि बात ज्यादा तनी तो खोडके किसी भी स्थिती के लिए तैयार
अमरावती/दि.01– राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ शिवसेना और राष्ट्रवादी कॉग्रेस का गठबंधन है तथा यह तीनों दल मिलकर महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड रहे है. परंतु अमरावती में भाजपा की अधिकृत उम्मीदवार नवनीत राणा को अब तक दोनों दलों का पुरी तरह साथ मिलता नहीं दिखाई दे रहा है. शिवसेना के जिले के नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल पहले ही विरोध जता चुके है. अब अजीत पवार की राष्ट्रवादी कॉग्रेस के अमरावती जिले के सबसे बडे नेता संजय खोडके ने सार्वजनिक और घोषित रुप से नवनीत राणा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खोडके तो इतने नाराज है कि उन्होनें कल नवनीत राणा को लिखा अपना एक पत्र सार्वजनिक कर दिया, जिसमें उन्होनें राणा के प्रचार साहित्य पोस्टर, बैनर व अन्य पर अपना फोटो तक इस्तेमाल करने की मनाही कर दी है.

कल खोडके के इस कदम के बाद आज जब हमने उनसे संपर्क किया तो संजय खोडके, जो आज नागपुर में है, ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि वे अपने नेताओं को पहले ही बता चुके है कि किसी भी हाल में अमरावती लोकसभा में नवनीत राणा का काम नहीं करेगें. खोडके के अनुसार उन्होनें अपने नेताओं के समक्ष भूमिका स्पष्ट कर दी है कि ना ‘विरोध’ न ‘फेवर’ की भूमिका में वे अमरावती लोकसभा चुनाव से दुर रहेगें. खोडके के अनुसार वे इस चुनाव में किसी दुसरी सीट पर जाकर पार्टी का काम संभालने तैयार है.
जब हमने खोडके से पुछा कि आप की भूमिका यदि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पसंद नहीं आई तो आदेश का पालन करना पडेगा.

खोडके ने साफ कहा कि मैं किसी हाल में इस चुनाव में अमरावती में नहीं रहुगा. मैं किसी भी परिस्थिती और कार्रवाई से निपटने तैयार हुं. खोडके ने यह भी कहा कि मैंने नवनीत राणा के चुनाव में प्रचार का जिम्मा संभाल रहे संबंधित लोगों को पहले ही सूचित कर दिया था कि मेरा फोटो किसी भी जगह इस्तेमाल न किया जाए. खोडके के अनुसार वे राष्ट्रवादी कॉग्रेस पार्टी के सदस्य है. इस हिसाब से गठबंधन धर्म में शामिल होने के चलते राणा के विरोध में कोई कदम नहीं उठाएगें, लेकिन राणा के फेवर में भी काम करने खोडके तैयार नहीं है.
याद दिला दें कि नवनीत राणा के लोकसभा चुनाव 2019 में भी संजय खोडके अमरावती से बाहर बुलढाना लोकसभा क्षेत्र में पार्टी का काम कर रहे थे. तब भी उन्होनें यही भूमिका स्वीकार की थी.

जब संजय खोडके से उनकी धर्मपत्नी और कॉग्रेस की विधायक सुलभाताई खोडके के कॉग्रेस पार्टी के उम्मीदवार से भी दुरी बनाए जाने के संबंध में प्रश्न पुछा गया तो उनका कहना था इसका उत्तर सुलभाताई ही दे सकती है. लेकिन वे इतना जरुर बोले की सुलभाताई को कॉग्रेस पार्टी खुद बुलाना नहीं चाहती है, तो वह क्या करेगी.

वेट एंड वॉच में खोडके
अमरावती लोकसभा में संजय खोडके व उनकी धर्मपत्नी सुलभाताई खोडके व्दारा अपने अपने उम्मीदवारों से दूरी बनाए जाने के बाद अब अमरावती विधानसभा क्षेत्र में चर्चा चल रही है कि यह दम्मपत्ती अब क्या भूमिका लेगें. किसी न किसी उम्मीदवार के साथ खडा रहना इन दोनों के लिए जरुरी है, क्योंकि तीन महिने बाद विधानसभा चुनाव घोषित होने है. यदि दोनों कोई भूमिका नहीं लेते है तो यह उनके विरोध में जा सकता है. यह भी बता दें कि सुलभा खोडके और संजय खोडके दोनों का मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बहुत अच्छा वर्चस्व है. इसीलिए शायद व्यक्तिगत विरोध के अलावा भी खोडके राणा का काम नहीं करेगें. लेकिन यदि यह दम्मपत्ती कॉग्रेस के उम्मीदवार से भी दूरी बनाए रखते है, तो मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में आने वाले विधानसभा चुनाव में मुश्किलें खडी हो सकती है. राजनिती के जानकार एक संभावना यह भी जता रहे है कि क्या खोडके प्रहार जनशक्ति पार्टी के दिनेश बूब को समर्थन देगें? अभी खोडके कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं है, उन्होनें कहा है कि आने वाले दिनों में वह अपनी भूमिका स्पष्ट करेगें.

Related Articles

Back to top button