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ग्रामवासी दहशत में
चिखलदरा/प्रतिनिधि दि.२१ – अचलपुर, चिखलदरा तथा अकोट तहसील की सीमा पर स्थित जनुना गांव में किडनी की बीमारी से पिछले छह महीनों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसी जानकारी समाजिक कार्यकर्ता साहबराव थोरात ने दी. जनुना गांव में धनगर व गवली समाज सर्वाधिक है. यहां कोरोना से भी ज्यादा दहशत किडनी रोग की है. किडनी रोग से ग्रामवासी दहशत में है.
डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी दूषित जल की वजह से होती है. जनुना गांव पहाड पर बसे होने की वजह से यहां का जलस्तर 500 फुट से भी नीचे चला गया है. क्षारयुक्त पानी पीने की वजह से यह रोग होता है ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है. गांव के समीप ही शाहनूर प्रकल्प है. यहां के नागरिकों की हजारों हेक्टर जमीनें प्रकल्प के लिए शासन द्बारा अधिग्रहित की गई. किंतु इस प्रकल्प से अंजनगांव सुर्जी, दर्यापुर व अचलपुर तहसील के कुछ गांवों को जलापूर्ति की जाती है किंतु जनुना गांव को ही पानी नहीं मिलने की वजह से रोग का प्रादुर्भाव बढा है और लोग मौत के मुंह में जा रहे है ऐसा आरोपी ग्रामवासी गोंडू येवले, साहेबराव थोरात, उपसरपंच गोपाल जामकर व नारायण नाईक ने लगाया है.
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पानी कम पीने से होती है बीमारी
किडनी की बीमारी से जनुना ग्राम में मौते हुई है यह निश्चित कह नहीं सकते. यहां के ग्रामवासी जंगलों में पशुओं के चारे के लिए भटकते है जिससे उनमें पानी पीने का प्रमाण कम रहने की वजह से यह बीमारी होती है. ग्रामवासियों को शुद्ध जल दिए जाने के लिए प्रयत्न शुरु है.
– प्रशांत हिवे,
ग्रामविकास अधिकारी वाघडोह गट ग्रामपंचायत
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साल में दो बार लिए जाते है पानी के सैम्पल
बारीश के पूर्व व बारीश के बाद साल में दो बार पीने के पानी के सैम्पल जीपीएस प्रणाली के माध्यम से ग्रामपंचायत जलापूर्ति विभाग के कर्मचारियों सहित हम लेते है और यह सैम्पल अचलपुर उप जिला अस्पताल की प्रयोगशाला को भिजवाए जाते है. किंतु उसकी रिपोर्ट का हमें पता नहीं चल पाता.
– अभिलाष धोटे, स्वास्थ्य सेवक