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अमरावती में किडनी मरीजों को दी सर्वप्रथम राहत

साथी चिकित्सकों ने डॉॅ. हरवानी की सेवाओं को किया सलाम

* थेलेसीमिया मरीजों के लिए भी किया काफी काम
अमरावती/ दि. 9 – डॉ. अरूण हरवानी के रूप में अंबानगरी ने आज चिकित्सा क्षेत्र के सेवाभावी डॉक्टर को खो दिया. वही असंख्य किडनी और थेलेसीमिया मरीजों ने उनके रूप में आए देवदूत को गंवा दिया. इस तरह की भावना डॉ. हरवानी के करीबी रहे अनेक चिकित्सकों ने आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत में व्यक्त की. उनमें नगर के अग्रणी कैंसर विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र सिंह अरोरा, बाल रोग तज्ञ डॉ. सतीश अग्रवाल, डॉ. रामावतार सोनी, नेत्र तज्ञ डॉ. अनिल हरवानी, डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. राजेद्र गणेडीवाल, डॉ. आडवानी, डॉ अजय डफले, डॉ. ओजी मूंधडा आदि का समावेश रहा. सभी ने लगभग एक स्वर में कहा कि थेलेसीमिया मरीजों को मार्गदर्शन के लिए तत्पर रहनेवाले डॉ. हरवानी ने सैकडों शिविर लेने में पहल की. अमरावती से लेकर मुंबई तक वे फालोअप लेते.
* पहला डायलीसिस यूनिट लाया
एमडी मेडीसीन की पदवी प्राप्त करने पश्चात डॉ. हरवानी ने कुछ वर्षो तक मुंबई के जसलोक अस्पताल में सेवाएं दी. उपरांत अमरावती में क्लीनिक आरंभ किया. अपने माता-पिता को चाहनेवाले डॉ. हरवानी ने नवाथे प्लॉट स्थित डॉ. कासट के अस्पताल में भी मरीजों को देखा, जांचा, ठीक किया. उनके छोटे भाई अनूप हरवानी ने बताया कि राजापेठ क्षेत्र में अपना अस्पताल आरंभ करने के बाद उन्होंने ही सर्वप्रथम डायलीसिस यूनिट लायी थी. उससे मूत्रपिंड विकार से ग्र्रस्त मरीजों का उपचार प्रयत्न अनेक वर्षो तक किया. अनूप जी ने बताया कि रोटरी सहित चिकित्सा जगत की सभी सामाजिक संस्थाओं और समाज की संस्थाओं, संगठनों के लिए वे तत्पर रहे.
* थेलेसीमिया मरीजों के लिए समर्पण
डॉ. राजेंद्र अरोरा ने बताया कि थेलेसीमिया मरीजों पर उन्होंने बहुत ध्यान दिया. सिंंधी समाज में इस बीमारी से ग्रस्त लोगों का प्रमाण अन्य की तुलना में अधिक रहने से डॉ. हरवानी ने मानों अपने आपको झोंक दिया था. इसके लिए समय-समय पर शिविर लेने और लोगों को जागरूक करने, आगाह करने का बडा काम डॉ. हरवानी ने अपनी विनम्रता और तत्परता से किया. जिससे इस बीमारी पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका. अनेक वर्षो से वे शहर के विभिन्न भागों के अलावा गांव, देहात में स्वास्थ्य शिविर में तत्परता से सेवा देते.
* नि:शुल्क मरीजों को पहले देखते
चैरिटी के मरीज कई प्रकार के रोग से ग्रस्त हो जाते. ऐसे में किसी भी संस्था या चिकित्सक द्बारा सूचना मिलते ही डॉ. हरवानी अपने क्लीनिक, अस्पताल में नि:शुल्क मरीजों को देखते, उनका उपचार करते, उचित परामर्श देते. यह बात डॉ. संतोष महाराज ने कही. उन्होंने बताया कि शिवधारा आश्रम के अब तक हुए प्रत्येक शिविर में डॉ. हरवानी ने सहर्ष एवं तत्पर सेवा दी हैं. उनके सेवा कार्य का शब्दों में बखान संभव नहीं है. डॉ. राघानी, डॉ. रामावतार सोनी, डॉ. सतीश अग्रवाल, डॉ.श्याम राठी, डॉ. मानेकर, डॉ. संजय अग्रवाल और नगर के अनेक गणमान्य ने डॉ. अरूण हरवानी की सेवाओं को याद किया.

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