विदर्भ में किडनी प्रत्यारोपण डॉ. रोहित हातगांवकर और टीम का महत्वपूर्ण योगदान
स्थानीय मरीजों को मिल रहा है लाभ

अमरावती/दि.12-विदर्भ के बढ़ते किड़नी रोगियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए अमरावती के सुपर स्पेशालिस्ट अस्पताल में शुरू की गई किड़नी प्रत्यपर्ण सेवा को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस सफल उपक्रम में डॉ. रोहित हातगांवकर तथा उनकी टीम का महत्वपूर्ण योेगदान रहा है. उनके मार्गदर्शन में अरोग्यम मल्टीस्पेशालिस्ट एंड रिसर्च सेंटर में किडनी ट्रांसप्लाट का काम बडी ही कुशलता से किया गया.
विदर्भ के गर्म तापमान, खारे पानी तथा अन्य कारणों से किडनी रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. इस स्थिति से बाहर निकलने में किडनी प्रत्यारोपण का अहं भूमिका निभा रहा है. पहले अमरावती जिले के सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को किडनी प्रत्यारोपण के लिए नागपुर, पुणे, मुंबई जैसे बडे शहरों में जाना पडता था, लेकिन अब महाराष्ट्र सरकार की ओर से महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होने के कारण अमरावती के सुदूर क्षेत्र के लोगों को नागपुर, पुणे, जैसे बड़े क्षेत्रों में जाने की जरूरत नहीं पडती. सर्जिकल टीम में एक ही समय में दो मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण किया जाता है. डॉ. रोहित हातगांवकर तथा उनकी टीम की ओर से किडनी प्रत्योरपण का काम बड़ी ही कुशलता से किया जा रहा है. रोहित हातगांवकर ने पुणे के बी. जे. मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक किडनी ट्रांसप्लाटेंशन के कार्य में अपनी सक्रीय भूमिका निभाई है, वे वर्तमान में आरोग्यम मल्टिस्पेशालिस्ट टीम में कस्टेंट के रूप में कार्यरत हैं. साथ ही येअमरावती के सुपर स्पेशालिस्ट अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट टीम का एक अविभाजक अंग हैं. डॉ. हातगांवकर ने अमरावती में किडनी के कई पेचीदा मामले का निपटारा किया है. न्यूरो सर्जरी, हाई रिस्क गायनॉक सर्जरी तथा आथोपेंडिक सर्जरी में भी अपना अहम योगदान दिया है, उनको उनके कार्यों को देखते हुए आरोग्य सम्मान दिया गया. यह पुरस्कार केवल मेरा नहीं बल्कि पूरी टीम का है. आरोग्यम मल्टिस्पेशालिस्ट अस्पताल को मिली सफलता के पीछे किसी एक व्यक्ति का ही बल्कि संस्था से जुड़े सभी लोगों का सहयोग भी शामिल है. अरोग्यम् मल्टिसपेशालिस्ट अस्पताल में जनरल फिजिशियन के रूप में डॉ. रोहित हातगांवकर, उर्वशी हातगांवकर, डॉ. अक्षय हटवारे, डा. राजश्री हटवारे, डॉ. अभिलाष चव्हाण, चेतन चव्हाण, शिखा चालवा, डीटी ऋतुजा शिंगरुप अपनी अच्छी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे किडनी रोगियों की संख्या में पहली की तुलना में बहुत कमी आई है.