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मेरी बेटी के साथ दुराचार कर उसे मार डाला

हिरालाल भिलावेकर ने एसपी बारगल से मिलकर लगाई गुहार

* 4 लोगों पर लगाया अपहरण, दुराचार व हत्या का आरोप
* धारणी पुलिस पर भी मामले की जांच को दबाने का आरोप
अमरावती/दि.12 – धारणी पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत बोबदो गांव निवासी हिरालाल बाबूलाल भिलावेकर ने आज स्थानीय जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक से मिलकर आरोप लगाया कि, उनकी 22 वर्षीय बेटी आरती भिलावेकर को नागझिरा गांव में रहने वाले अतुल हजेरीलाल जावरकर सहित उसके तीन दोस्तों ने 21 अप्रैल को जबरन अपहरण कर लिया था. पश्चात उनकी बेटी के साथ इन चारों लोगों ने दुराचार करते हुए उसे जान से मार दिया और फिर 24 अप्रैल को उसे बेहोश बताकर धुलघाट रेल्वे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाकर भर्ती कराया तथा भाग गए. इस मामले में धारणी पुलिस द्बारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. साथ ही मामले की जांच भी गंभीरतापूर्वक नहीं की जा रही.
अपने बेटे रितेश भिलावेकर के साथ अपनी फरियाद लेकर अमरावती पहुंचे हिरालाल भिलावेकर ने कहा कि, जब 21 अप्रैल की शाम उनकी बेटी आरती भिलावेकर अपने घर से लापता हो गई, तो परिवार ने उसकी खोजबीन करनी शुरु की थी. इसी दौरान उन्हें पता चला था कि, अतुल जावरकर और उसके तीन दोस्त उनकी बेटी को धुलघाट रेल्वे की ओर भगाकर ले गए है. इसके बाद 24 अप्रैल को धुलघाट रेल्वे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाली आरोग्य सेविका के जरिए पता चला कि, 4 लोगों ने बेहोश अवस्था में रहने वाली आरती को दवाखाने में भर्ती कराया है. यह जानकारी मिलने पर जब परिवार धुलघाट रेल्वे जाने निकला, तो उन्हें बताया गया कि, आरती की स्थिति चिंताजनक रहने के चलते उसे धारणी के उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां पहुंचने पर पता चला कि, अस्पताल लाए जाने से पहले ही आरती की मौत हो चुकी थी. इस समय आरती के पूरे शरीर पर मारपीट के निशान थे और उसके सिर के पिछले हिस्से पर किसी वजनी वस्तु की चोट का निशान दिखाई दे रहा था. साथ ही उसकी नाक से खून बह रहा था. उस समय परिवार ने आरती के पूरे शरीर की जांच करने की मांग की. जिससे पुलिस ने इंकार कर दिया. ऐसे में परिवार को संदेह है कि, अतुल जावरकर व उसके तीनों दोस्तों ने आरती के साथ सामूहिक दुराचार करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया. जिसे लेकर शिकायत दर्ज कराने हेतु जाने पर धारणी पुलिस ने भिलावेकर परिवार को डांट-डपट करते हुए भगा दिया, ऐसे में पूरे मामले की जांच होनी चाहिए.

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