अमरावती/ दि.18 – परमपूज्य गुरुदेवश्री राकेश गुरुजी की शिष्या आत्मर्पित किंजलीजी के तीन दिवसीय मंगल प्रवचन का आयोजन श्रीमद् रामचंद्र मिशन धरमपुर व्दारा शहर के विभिन्न स्थानों पर किया गया है. गुरुवार को पहले दिन का प्रवचन कार्यक्रम कैम्प रोड हिल स्टॉप रेसिडेंसी स्थित प्रकाशचंद कोठारी भवन में आयोजित किया गया. जिसमें स्वाध्यायकार आत्मर्पित किंजलीजी ने मुमुक्ष के सात गुण क्या है और उनका आचरण कैसा होना चाहिए इसकी जानकारी दी.
आज शुक्रवार को दूसरे दिन का कार्यक्रम मणिबाई गुजराती हाईस्कूल में सुबह 10.30 बजे से आयोजित किया गया. तीसरे दिन का कार्यक्रम टोमोई इंग्लिश स्कूल में आयोजित किया जाएगा. प्रवचन में उन्होंने बताया कि, आत्मसाक्षात्कार के पथ पर चलने और प्रणति करने के लिए सच्चे साधक को सात गुणों में समृध्द होना चाहिए. यह सात गुण दया, शांति, समता, क्षमा, त्याग और वैराग्य है. दाया गुण को विस्तार से समझाते हुए आत्मार्पित पिंजलजी ने समझाया कि, सच्ची दया क्या होती है. हर कोई दया करता तो है ही. दया करने के पीछे अहंकार या स्वार्थ छिपा नहीं होना चाहिए. स्वदया मतलब अपने दोष जैसे क्रोध, मोह, राग, व्देष आदि से मुक्त होना है, परदया का मतलब दूसरे के दुख में शामिल होना है और उसे दूर करने का प्रयास करना है. आगे उन्होंने बताया कि 18 नवंबर की शाम 8.30 बजे शांति और समता गुणों को विस्तार के साथ समझायेेगी. इस धर्ममय कार्यक्रम में समीर शाह, संगिता शाह, सुधीर शाह, धर्मेश शाह, भाविक शाह ने अहम भूमिका निभाई. कार्यक्रम आयोजन के दौरान गजेंद्र देसाई, रजनी कामदार, अमृत मुथा, रजनीश कोठारी, छबिल लाठिया, भरत सरवैया, भरत भयाणी, दीपेश दोशी, हरीश लाठिया, कल्पेश देसाई, मिलन गांधी, निलेश देसाई, केतन शाह, चेतन , देसाई, राजेश देसाई, अशोक पारीख, रमेश कामदार, अशोक पटेल, गिरीष कोठारी, अजय कामदार, कपिलभाई दोषी, भूषण पड़िया, धर्मेश बादानी, दर्शन दोशी, हरेन देसाई, अजय मांडविया, विकास देसाई, प्रसन्ना गांधी, नंदिनी शाह, भावना शाह, अनुष्का शाह आदि उपस्थित रहे.