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किसान सभा ने जलाया बजट

कलेक्ट्रेट पर तीखा आंदोलन

* सरकार विरोधी घोषणाएं
अमरावती/ दि. 5- महाराष्ट्र राज्य किसान सभा ने कर्ज माफी की घोषणा नहीं किए जाने से खफा होकर आज यहां जिलाधिकारी कार्यालय के सामने केन्द्रीय वित्त मंत्री और केन्द्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर कुछ दिनों पहले लोकसभा में प्रस्तुत बजट की कॉपी को कथित रूप से सरेआम फूंक डाला. आंदोलन में बडी संख्या में किसानों के सहभागी होने का दावा राज्य महासचिव अशोक सोनारकर, जिला सचिव डॉ. ओमप्रकाश कुटेमाटे ने आंदोलन का नेतृत्व करते हुए किया. कार्यालय सचिव उमेश बनसोड, बीकेयू के सुनील घटाले, प्रा. विजय रोडगे, अशोक राउत, नीलकंठ ढोके, नंदकिशोर नेतनराव,राहुल तेलमोरे, राजेश उनवणे, गजानन जढाले आदि ने भी आंदोलन का नेतृत्व किया. किसान सभा ने अलग खेतीबाडी अर्थात किसान बजट की मांग लगातार की है. उन्होंने बजट को किसान विरोधी बताया. एमएसपी और कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. उन्होंने आरोप लगाया कि कारर्पोरेट क्षेत्र के साथ सरकार मेहरबान है. जबकि किसानों की ओर अनदेखी की जा रही है. संपूर्ण कर्जमाफी, खाद, बीज और अन्य पर सबसिडी बढाने, पारंपरिक मछुआरों और किसानों को संरक्षण और कृषि संकट पर तत्काल उपाय करने भी कहा.
* किसानों के लिए 1.71 लाख करोड
मोर्चे का नेतृत्व करते हुए सोनारकर ने बताया कि बीजेपी एनडीए की सरकार पक्षपाती है. खेती किसानी के लिए बजट में 1 लाख 71 हजार करोड का प्रावधान किया गया है. जो कुल बजट का मात्र 3 प्रतिशत है. कृषि पर आधारित जनसंख्या 60 प्रतिशत से अधिक होने का दावा कर सोनारकर ने अन्याय का आरोप किया. उन्होंने प्रधानमंत्री सम्मान योजना में किसानों को वार्षिक 10 हजार की अपील की है. फिलहाल इस योजना में किसानों को 6 हजार रूपए मिल रहे हैं. राज्य सरकार भी अलग से 6 हजार रूपए दे रही है. उन्होंने एनपीए 1.2 लाख करोड होने का दावा किया.

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