अमरावती

किशोर रिठे को महाराष्ट्राची गिरीशिखरे पुरस्कार से सम्मानित

26 को मुंबई में राज्यपाल करेंगे सम्मानित

अमरावती / दि.17– विगत तीन दशकों से वन, वन्यजीव पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्यरत रहने वाले किशोर रिठे को ‘महाराष्ट्रची गिरीशिखरे’ नामक पुरस्कार घोषित हुआ है. आगामी 26 दिसंबर में मुंबई में रंग शारदा नाट्य मंदिर में होने वाले एक भव्य समारोह में राज्यपाल भगतसिंग कोश्यारी तथा राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल के हस्ते उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. मुंबई के पिपल्स आर्ट सेंटर व्दारा इस कार्यक्रम का आयोजन गया है. महाराष्ट्र राज्य की स्थापना को 1 मई 2020 को 60 वर्ष पूर्ण हो गए.
महाराष्ट्र राज्य की स्थापना का हिरक महोत्सवी वर्ष का समारोह 1 मई 2020 को नियोजित था, किंतु कोरोना संक्रमण तथा शासकीय निर्बंधों के कारण यह समारोह 26 दिंसबर को आयोजित किया गया है. इस समारोह में विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले 50 व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा. इनमें शरद पवार (राजनीति), डॉ. जयंत नारळीकर (विज्ञान), उषा मंगेश्कर (पार्श्व गायिका), सुरेश वाडकर (पार्श्व गायक) आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले मान्यवरों का समावेश है.
किशोर रिठे संगणक शास्त्र के अभियंता होने के बाद भी अभियांत्रिकी नौकरी छोडकर वे पर्यावरण संवर्धन क्षेत्र में पिछले लगभग तीन दशक से कार्यरत है. उम्र के 18 वें वर्ष में उन्होंने पर्यावरण क्षेत्र में काम करने वाले निसर्ग सुरक्षा संस्था, अमरावती नामक विद्यार्थी संगठन की स्थापना की. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विद्यापीठ में वन्यजीव संवर्धन नामक विषय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पूर्ण किया. युगांडा और थायलैंड में भी वन्यजीव व्यवस्थापन का पाठ्यक्रम पूर्ण किया. मौसम परिवर्तन के विषय पर विश्व विशेषज्ञ रहने वाले अल गोर के मार्गदर्शन में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और भारत में पाठ्यक्रम पूर्ण किया. पश्चात वे सभी पाठ्यक्रम उन्होंने भारत में यहां के विद्यापीठों के साथ भी शुरु किया.
मेलघाट के आदिवासीयों तथा वनवासियों के लिए पिछले 30 सालों में उन्होंने भरपूर काम किया तथा आज तक हजारों लोगोें को प्रशिक्षित करके आदिवासी युवकों को राजगार उपलब्ध करवाया. इससे पूर्व राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. इस पुरस्कार के निमित्त विदर्भ वन, वन्यजीव व पर्यावरण सुरक्षा के कार्यो की दखल ली गई है. इस पुरस्कार के लिए उनका निसर्ग सुरक्षा संस्था के अध्यक्ष डॉ. निशिकांत काले व सतपुडा फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रा. प्रकाश लढ्ढा सहित सभी सदस्यों ने अभिनंदन किया है.

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