विद्या विभुषीत हितेश कांकरिया लेंगे जैन धर्म की दीक्षा
संसार से संयम की ओर बढ़ने के लिये कृतसंकल्प
धामणगांव रेलवे/दि.22– धामणगांव नगर के प्रतिष्ठीत एवं संपन्न परिवार में जन्मे उच्च विद्याविमभुषीत 27 वर्षीय युवक ने ‘अहिंसा परमो धर्म:’ और ‘जियो और जिने दो’ की शिक्षा देनेवाले जैन धर्म में दिक्षा लेने का निर्णय लिया. जिससे धामणगांव जैन समाज में उत्साह एवं आनंद के वातावरण की निर्मिती हुई है.
‘अहो दु:खो हु संसारो’ जिन आगम में कहा गया है कि संसार दुखमय है और साधना, संयम, तप-त्याग, वैराग्य का मार्ग शांती मार्ग है. भौतिक एवं क्षणिक सुखो का त्याग कर आत्म साधना में लिन होने से ही मानव जीवन को सार्थक प्रदान की जा सकती है. चौरासी लाख योनियों में केवल मानव जीवन ही एक ऐसा पडाव है जहां हम आत्म साधना के माध्यम से जन्म-मरण के चक्कर से मुक्ति पाकर मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं.
जिन वाणी का सुक्ष्मता से समझने के पश्चात धामणगांव नगरी के प्रतिष्ठीत समाजसेवक, पूर्व नगर परीषद उपाध्यक्ष डॉ. हेमकरण कांकरीया एवं उमादेवी कांकरीया के द्वितीय सुुपुत्र हितेश ने आगमज्ञाता, व्यसनमुक्ती के प्रणेता, आराध्य देव आचार्य प्रवर 1008 श्री रामलालजी म.सा. के सानिध्य में जैन भगवती दिक्षा ग्रहण करने का संकल्प लिया है. उल्लेखनीय है कि अभियांत्रीकी स्नातक तक शिक्षा ग्रहण कर 2012 से 2015 तक पुणे में मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते-करते भौतिक सुख सुविधाओं की ओर आकर्षित न होते हुए अपने जीवन को अध्यात्म की ओर मोडने का साहस विरले ही कर पाते हैं. भगवान महावीर को आत्म मार्ग जितना सरल, उतना ही कठिन है. पंच महाव्रत, पांच समिति तीन गुप्ती की सम्यकता से आराधना बहुत दुष्कर प्रक्रिया है, संघर्षों से लोहा लेने की जिनमें क्षमता होती है वही महापुरुष इस मार्ग पर बढ़ने का संकल्प ले पाते है.
म.प्र. के निमच शहर में विराजित प.पू. आचार्य श्री रामलालजी म.सा. के मुखारविंद से दिक्षा तिथि की उद्घोषणा के पश्चात पहली बार नगर आगमन होने पर मातोश्री हाईट स्थित निवासस्थान से सकल संघ के साथ मुमूक्षू भाई हितेश कांकरीया की स्वागत यात्रा नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए श्री जीन महोदय सागर सूरी आराधना भवन पहुंची. मार्ग में सभी नगरवासियों द्वारा मुमूक्षू भाई हितेश का अभिनंदन एवं मोतीयों की माला पहनाकर स्वागत किया गया पश्चात नगर में विराजित का पूज्य संतवृन्द श्री जयप्रभमुनीजी म.सा. एवं श्री अनन्यमुनीजी. म सा. के सानिध्य मे गुण गौरव एवं अभिनंदन समारोह संपन्न हुआ. मुमूक्षू हितेश के साथ अन्य क्षेत्र के और भी 4 मुमूक्षू आत्माओं की दिक्षा 22 जनवरी 2024 के शुभ दिन संपन्न होगी.