* दूध की मांग बढने की जानकारी
अमरावती/दि.26- 28 अक्तूबर शनिवार को चंद्रग्रहण रहने से इस बार कोजागरी पूर्णिमा रविवार 29 अक्तूबर को मनाए जाने की जानकारी पुरोहितों ने दी. इस दौरान दूध की डिमांड बढने की संभावना है. शिलांगण रोड के प्रमुख दुग्ध व्यवसायी यादव ने बताया कि अनेक लोगों ने कोजागरी उपलक्ष्य दूध की ऑर्डर लिखवाई है. उधर खगोलविदों का कहना है कि शनिवार रात 1.05 मिनट से करीब 70 मिनट तक ग्रहण अमरावती और परिसर में दिखलाई देगा.
* रविवार को आयोजन
कोजागरी पूर्णिमा का आयोजन अनेक अपार्टमेंट और संगठनों व्दारा सामूहिक रुप से किया जाता है. रविवार छूट्टी का दिन होने से इस बार आयोजन और बडे प्रमाण में होने की जानकारी दी गई. प्रत्येक दूध विक्रेता के पास अतिरिक्त मांग दर्ज कराई गई है.
* क्या कहते हैं पंचागकर्ता
पंचागकर्ता विद्या राजंदेकर ने बताया कि, ग्रहण के वेध शनिवार दोपहर 3.30 बजे से आरंभ होंगे. इसलिए स्वस्थ्य और जवान लोगों को इस दौरान कोजागरी के दूध का प्राशन नहीं करना चाहिए. ग्रहण लगने से पहले पूजा और नैवेद्य किया जा सकेगा. तडके 2.23 बजे ग्रहण मोक्ष होगा. उल्लेखनीय है कि खंडग्रास चंद्रग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा. कोजागरी पूर्णिमा पर बलिराजा की भी पूजा होती है. वामन पुराण में इसका उल्लेख है.
* सूतक दोपहर 4 बजे से
पंडित करण गोपाल पुरोहित शर्मा के अनुसार खंडग्रास चन्द्र ग्रहण- संवत् 2080 आश्विन शुक्ल पक्ष 15 (पूर्णिमा) शनिवार ,28 अक्तूबर को खंडग्रास चन्द्र ग्रहण होगा. भारतीय समय से विरल छाया प्रवेश रात्रि 11.32 बजे ग्रहणं का स्पर्श रात्रि 1.05 बजे , मध्य रात्रि 01.44 बजे , मोक्ष रात्रि 02.23 बजे , विरल छाया निर्गम रात्रि 03. 56 बजे होगा. इसका सूतक भारतीय समय से दिन में 04.05 बजे से प्रारम्भ होगा . यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका , दक्षिणी अमेरिका का पश्चिमी भाग को छोकर सम्पूर्ण विश्व में दृश्य होगा. जहां ग्रहण दृश्य होगा उन्हीं स्थानों पर ग्रहण से सम्बंधित वेध, सूतक, स्नान, दान – पुण्य, कर्म, यम, नियम मान्य होंगे. ग्रहण का सूतक – प्रारंभ हो जाने के बाद बालक, वृद्ध व रोगियों को छोड़कर धार्मिक जनों को भोजनादि नहीं करना चाहिए . ग्रहण के सूतक काल व ग्रहण के समय में वर्जित कार्य धर्मशास्त्रों में सूतक प्रारंभ हो जाने के बाद मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक खाना- पीना, निद्रा, मैथुन, नाखून काटना, तेलाभ्यंग करना वर्जित माना गया है . साथ ही झूठ , वृथा वाद – विवाद , मूत्र पुरीषोत्सर्ग से भी दूर रहने का उल्लेख मिलता है . सूतक काल में बालक , वृद्ध , रोगी तथा गर्भवती स्त्रियां यथानुकूल भोजन या दवाई लेने में कोई दोष नहीं लगता है . पका हुआ अन्न , कटी हुई सब्जी या फल ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं , उन्हें खाना नहीं चाहिए . लेकिन तेल या घी से पका अन्न , घी , तेल , दूध , दही , लस्सी , पनीर , आचार , चटनी , मुरब्बा में तिल या कुशा रख देने से दूषित नहीं होते हैं . सूखे खाद्य पदार्थों यथा – गेहूँ , चना , दाल , आटा , चीनी आदि में कुशा या तिल डालने की जरूरत नहीं होती हैं . ग्रहण का राशिफल – यह खण्डग्रास चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि में घटित हो रहा है . अतः अश्विनी नक्षत्र व मेष राशि में उत्पन्न व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलप्रद रहेगा . जिन्हें ग्रहण के समय चंद्र – राहु के तथा अपने राशि स्वामी मंगल के जप करने चाहिए . मेषादि बारह राशियों पर इस ग्रहण का फल विविध राशियों पर ग्रहण का शुभाशुभ प्रभाव यह कि मेष , वृषभ , कन्या , मकर :-.नेष्ट-अशुभ सिंह , तुला , धनु , मीन :- सामान्य मध्यम मिथुन , कर्क , वृश्चिक , कुम्भ :- शुभ , सुखद इस ग्रहण से भारत के कई राज्यों में व इंगलैंड , डेनमार्क , श्रीलंका , सीरिया , नेपाल , पोलैंड , फिलिपींस व पूर्वी प्रान्त में रोग हो , पशुओं में बीमारी हो , झगड़ें हों , प्रत्येक प्रकार के अन्न में मंदी , तूफान , अच्छी वर्षा , सरसों , अलसी , गुड़ , शक्कर , सोना , चांदी , शेयर , घी , रुई , मसूर , खांड , वेजिटेबल , रसदार पदार्थ , सूत में तेजी हो . यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि पर हो रहा है इससे इस नक्षत्र एवं राशि वालों को रोग , कष्ट , पीड़ा आदि फल हो . जिन राशियों वालों को ग्रहण अशुभ फल कारक है उन को ग्रहण का दर्शन करना उपयुक्त नहीं है . है :प्रकोप , दुर्भिक्ष भय , भूकम्प से जन – धन की हानि होगी . लोहा , क्रूड ऑयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी रहेगी . शासकों में मतभेद , वैद्य , डॉक्टरों एवं व्यापारियों को कष्ट – पीड़ा बढ़ेगी . चीन , ईरान , ईराक , अफगानिस्तान आदि देशों में अशांति, भय व भूकम्प आदि की घटनाएं अधिक होगी.
* शाम को बंद रहेंगे पट
शनिवार दोपहर 4 बजे से चंद्रग्रहण का सूतक आरंभ होने की मान्यता के कारण नगर के प्रमुख मंदिरों के पट संध्या समय में बंद रहेंगे. बालाजी मंदिर, अंबा माता, एकवीरा माता, भगवान श्री रामदेवबाबा के दोनों मंदिर, सीतारामदास बाबा मंदिर, सतीधाम मंदिर, संकट मोचन हनुमान, संकट मोचन विजय हनुमान, पंचमुखी आदि अनेक मंदिरों के पट संध्या समय में बंद रहेंगे.
* गोवर्धननाथ हवेली में कीर्तन
परंपरानुसार वैष्णव सम्प्रदाय के रॉयली प्लॉट स्थित श्री गोवर्धननाथ जी हवेली मंदिर में न केवल ठाकुरजी के दर्शन खुले रहेंगे, अपितु कीर्तन का भी आयोजन रहेगा. जो पूरे ग्रहणकाल में जारी रहेगा. हवेेली के मुखियाजी ने यह जानकारी दी.