अमरावती

कोतवाली ने दबोचा वाहन चोर गिरोह

9 गाडियां जब्त

चाबी लगे वाहन चुराने का और यवतमाल में बेचने का फंडा
अमरावती/दि.10-शहर पुलिस अपने मुखिया सीपी नवीनचंद्र रेड्डी के नेतृत्व में अपराधियों पर नकेल कसने में सफलता दर सफलता प्राप्त कर रही है. इसी कडी में सिटी कोतवाली की टीम ने वाहन चोरों की टोली को दबोचा और उनसे 9 दुपहिया भी बरामद कर लिए. एक आरोपी नासिर खान शेर खान अभी फरार बताया जा रहा है. उसे ही शीघ्र दबोच लेने का भरोसा डीसीपी विक्रम साली तथा एसीपी पूनम पाटिल एवं थानेदार नीलिमा आरज ने आज दोपहर संवाददाता सम्मेलन में व्यक्त किया.
पुलिस ने वाहन चोरी की अनेक घटनाओं की जांच चला रखी थी. सायबर थाने की मदद से पुलिस ने आरोपी मो. साबिर मो. रफीक (29, अलिम नगर), शेख नईम शेख फईम (38, अकबर नगर) को दबोचा. उनसे कडी पूछताछ के बाद वाहन चोरी की अनेक घटनाएं उजागर हुई. गाडगेनगर, राजापेठ, कोतवाली की हद में वाहन चोरी की अनेक घटनाएं हुई थी. उसकी गहन जांच कोतवाली के दल ने आरंभ की. पुलिस उपायुक्त विक्रम साली और सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटिल, नीलिमा आरज के मार्गदर्शन में उपनिरीक्षक बालाजी वलसणे, रविंद्र काले, कॉ.आशीष विघे, रफीक खान, उमाकांत आसोलकर, सागर ठाकरे, चालक प्रवीण परडखे, पो.स्टे. सायबर सेल के सहारे तथा संग्राम भोजने की टीम ने आरोपियों की
खोजबीन कर होशियारी से उन्हें दबोचा.
* अमरावती में चोरी, यवतमाल में बिक्री
आरोपी चाबी लगी गाडियों पर निगाह रखते थे. मालिक को चकमा देकर वाहन उडा देते. आरोपी चोरी के वाहन यवतमाल के बोरीअरब निवासी नासिर खान शेर खान (55) को सौंप देते. वह वाहनों को फाइनेंस के वाहन बातकर आगे बेच देता था. पुलिस ने यवतमाल जाकर लगभग 8 लाख 55 हजार रुपए के वाहन जब्त किए. जिसमें 9 दुपहिया और फरारा आरोपी नासिर की एम्बुलेंस मारुती-ई को एमएच-29/एटी-851 भी शामिल है. आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया है. नासिर के दबोचे जाने पर और भी प्रकरणों का खुलासा होगा.
* चाबी चुराते फिर वाहन
कोतवाली में फिर्यादी गोपाल बोरसे (69, अभिनव कॉलोनी) की शिकायत के बाद पुलिस ने अलग एंगल से जांच की. बोरसे ने पुलिस को बताया कि उनकी गाडी की लगभग महीनाभर पहले चाबी गायब हो गई थी फिर कुछ दिनों बाद गाडी भी चोरी हो गई. तब पुलिस ने सायबर थाने की तकनीकी जानकारी के आधार पर पूरे मामलों का खुलासा किया गया. आरोपी पहले दुपहिया की चाबी उडा देते. वे ऐसे लोगों पर नजर रखते जो चाबी वाहन में ही छोडकर दुकान वगैरह पर छोटी-मोटी खरीददारी के लिए जाते. चाबी लेने के बाद उस वाहन पर निगाह रखी जाती. फिर उसे मौका देखकर चुराई गई चाबी से उडा दिया जाता. यह वाहन यवतमाल ले जानेवाले को 500 रुपए और भत्ता दिया जाता. यवतमाल में आरोपी नासिर फाइनांस की गाडी बताकर उसकी 45 हजार रुपए में बिक्री कर देता जिससे खरीददार को भी नई गाडी रहने और चाबी ओरिजनल रहने से शक नहीं होता. गाडी चुराने वाले आरोपी को 10 हजार रुपए का मेहनताना प्रत्येक वाहन पर दिया जाता.

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