अमरावती

कुलगुरु प्रभारी, अधिष्ठाता नहीं; अमरावती विद्यापीठ का कामकाज रुका

नये वर्ष में दीक्षांत समारोह का आयोजन, कर्मचारी कर रहे आंदोलन की तैयारी

अमरावती/दि.15– संत गाड़गेबाबा अमरावती विद्यापीठ में प्रभारी कुलगुरु होकर गत कुछ महीनों से दोनों अधिष्ठाताओं की कुर्सी खाली है. जिसके चलते प्रशासकीय कामकाज रुका है. नये वर्ष में फरवरी में दीक्षांत समारोह होगा, जिसकी तैयारी अभी से शुरु हो गई है. मात्र कुलगुरु व अधिष्ठाता न होने से प्रशासन में निर्णय प्रक्रिया रुक गई है.
कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे यह लंबे वैद्यकीय अवकाश पर गए हैं. कुलगुरु पद का प्रभार अकोला के डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. विलास भाले को 1 दिसंबर से सौंपा गया है.डॉ.भाले पर कृषि विद्यापीठ का जम्बो कारभार होने से वे अमरावती विद्यापीठ के कारभार की ओर अधिक ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. वे सप्ताह में एक या दो दिन अमरावती विद्यापीठ का कारभार देखते हैं. शेष समय में वे कृषि विद्यापीठ का कारभार संभालने की जानकारी है.मान्वय विद्या शाखा के अधिष्ठाता डॉ. अविनाश मोहरील एवं विज्ञान व तकनीकी ज्ञान शाखा के अधिष्ठाता डॉ.एफ.सी.रघुवंशी का कार्यकाल संपुष्ट में आया है.इसलिए कुछ महीनों से दोनों अधिष्ठाताओं के पद रिक्त है. विद्यापीठ का कारभार प्रभारी पर शुरु होकर इस ओर उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को ध्यान देना चाहिए. ऐसी मांग शिक्षा क्षेत्र के तज्ञों द्वारा की जा रही है.
* दोनों अधिष्ठाता पदभर्ती का प्रस्ताव शासन के पास
रिक्त अधिष्ठाता पद शीघ्र भरे जाने बाबत का प्रस्ताव विद्यापीठ ने राज्य शासन को भेजा है. मानव्य विद्या शाखा एवं विज्ञान व तकनीकी ज्ञान शाखा अधिष्ठाता के लिए पात्र व्यक्ति को वेतन पर नियुक्ति किया जाता है. शैक्षणिक पात्रता, अनुभव, मुलाकात आदि के लिए शासनस्तर पर समिति गठित होती है.

कर्मचारियों का 18 दिसंबर से कामबंद आंदोलन
विद्यापीठ, महाविद्यालयीन शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने विविध प्रलंबित मांगों के लिए 7 दिसंबर से आंदोलन शुरु किया है. अब कर्मचारियों ने 18 दिसंबर से कामबंद आंदोलन करने की तैयारी शुरु की है. कुलगुरु प्रभारी, अधिष्ठाता नहीं, अब विद्यापीठ प्रशासन के सामने कर्मचारी आंदोलन का नया संकट मंडरा रहा है.

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