कौमाया , एक ऐसी फिल्म जो लोगों में जागरूकता बढाएगी
डॉ. गोविंद कासट मित्रमंडल ने की शिरकत
* नायक शादाब (सूरज)का सत्कार
अमरावती/ दि. 3- लडकियों के कौमार्य परीक्षण की प्रथा आज भी कई इलाको में प्रचलित है. दरअसल 21 वीं सदी में यह मामला मानव जाति के लिए कलंक है. इसमें काफी प्रताडना, अपमान और मुकदमें का सामना करना पड रहा है. जिससे नारी जाति का अपमान हो रहा है. इस कुप्रथा पर प्रहार करती इस फिल्म का कौमार्या शहर के प्रभात टॉकिज में दोपहर 12 बजे का शो शुरू हो चुका है. कौमार्या विदर्भ के एक व्यक्ति द्बारा बनाई गई एक ज्ञानवर्धक गुणवत्ता वाली मराठी फिल्म है जिसमें ज्यादातर विदर्भ के कलाकार है. हाल में डॉ. गोविंद कासट मित्र मंडल ने शिरकत की. अंतराल में साथियों के अनुरोध के अनुपालन में उपस्थित नायक शादाब(सूरज) को शॉल व पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर रामचंद्र गुल्हाने, राजू डांगे, लक्ष्मण तडस, प्रवीण वासनिक, सुभाष गावपांडे, ज्योत्स्ना शेटे, बाबूलाल व पुष्पलता इंदाणे, ज्योति राठोड, रेखा व अनुष्का डबलेकर, अनिल गायकवाड, डॉ. रंजना और डॉ. राजू बनारसे, विवेक सहस्त्रबुध्दे, सुदर्शन गांग, प्रदीप जैन, नीलेश ठाकरे आदि उपस्थित थे.
कौमार्य परीक्षण जो लडकी इनकार करती है उसे जाति से बाहर कर दिया जाता है. इस संवेदनशील विषय पर आधारित इस फिल्म का निर्माण सलीम शेख ने किया है और इसमें पूरी टीम का अच्छा सहयोग है. नायिका का परिवार से भी उत्पीडन, पुरे परिवार को अन्य रिश्तेदारों से अलग कर देना, पथराव, पंचायत के सामने उपस्थित होना, सामाजिक कार्यकर्ता की बात न मानना, ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की मात्रा, अनैतिक संबंध, ऋणग्रस्तता, दयनीय स्थिति परिवार, उत्पीडन, अंतत: कम से कम संविधान के अनुसार कार्य करें, पृष्ठभूमि में महापुरूष डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुले आदि की तस्वीरे. नायिका सूरज और श्रध्दा की प्रेम कहानी मुकदमे, सार्थक गीतों को साथ पंच परमेश्वर और विदारक दुखद और बाद में फिल्म महिलाओं पर बंधन की जंजीर को तोडने वाले एक गीत के साथ समाप्त होती है. इस मौके पर हर किसी को इसे एक बार जरूर देखना चाहिए. डॉ. गोविंद कासट ने कहा आज किसी भी हिंदी मराठी फिल्म को एक बार जरूर देखे. इसका मतलब है कि टीम द्बारा किए गए सभी प्रयास हमारे काम आने चाहिए. कुल मिलाकर एक संवेदनशील विषय को अच्छी तरह से संभालने के लिए पूरी चर्चा बधाई की पात्र है.