अमरावतीमहाराष्ट्र

चुनाव विभाग की कुंभकर्णी कार्यभार

मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले अखबारों में दिख रहे उम्मीदवारों के घोषणापत्र

अमरावती/दि.23– अमरावती लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार खुद पर दर्ज फौजदारी अपराधों का घोषणा पत्र सर्वोच्च न्यायालय व चुनाव आयोग व्दारा मानकों पर खरे उतरने वाले अखबारों में प्रकाशित न कर मानकों को पूर्ण न करने वाले अखबारों में प्रकाशित कर सर्वोच्च न्यायालय निर्णय व चुनाव आचार संहिता व नियमों का उल्लंघन हो रहा है. जिसकी शिकायत अमरावती चुनाव क्षेत्र के चुनाव निर्णय अधिकारी के पास की गई है. जिसके चलते चुनाव क्षेत्र के मानकों को पूरा करने वाले अखबारों की सूची तुरंत जारी करने की मांग की जा रही है. इस मांग के चलते जिलाधिकारी ने 10 उम्मीदवारों को नोटीस भी भेजा है.

अमरावती लोकसभा चुनाव क्षेत्र में कुल 37 उम्मीदवार मैदान में है. जिसमें से फौजदारी अपराध प्रलंबित या सिध्ददोष होने की जानकारी अखबारों मेंं व दुरदर्शन के माध्यम से प्रसिध्द करने के संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य है. मगर चुनाव विभाग व्दारा इस संदर्भ में किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन सूचना निर्गमित न करने से संभ्रम का वातावरण उम्मीदवारों में निर्माण होने से चुनाव निर्णय अधिकारी को इस बारे में सूचना दी गई है. सर्वोच्च न्यायालय में 25 सितंबर 2018 के निर्णयानुसार भारत चुनाव आयोग ने उनके 10 अक्टुबर 2018 व 16सितंबर 2020 पत्र के अनुसार उम्मीदवारों के विरुध्द फौजदारी अपराध प्रलंबित रहने व अपराध में सिध्ददोष होने पर उम्मीदवार व पार्टी के बारे में जानकारी अखबारों में प्रचार की समयावधी के दौरान तीन समय प्रसिध्द करना आवश्यक है. इसके अलावा प्रकाशित करने के पहले अखबारों के मानकों को जांच कर यह देखना जरुरी होगा कि वह अखबार जानकारी प्रकाशित करने के पात्र है या नहीं. इसकी कुछ सूची अधिकृत जानकारी चुनाव निर्णय अधिकारी कार्यालय व्दारा जारी न किए जाने पर उम्मीदवारों में संभ्रम निर्माण हुआ है. उम्मीदवार मानकों को पुरा न करने वाले अखबारों में घोषणा पत्र जारी करने की शिकायत से चुनाव विभाग के ध्यान में लाया गया है. चुनाव विभाग व उम्मीदवारों को इस कृती के कारण सर्वोच्च न्यायालय के संदर्भ में निर्णय नहीं तो चुनाव की संहिता का भी उल्लंघन होने से यह टालने के लिए इस संदर्भ में मानकों को पुरा करने वाले अमरावती लोकसभा क्षेत्र के अखबारों की अधिकृत यादी तुरंत प्रसिध्द करने की मांग शिकायतकर्ता अक्षय एडतकर ने की है. इस संपुर्ण प्रकरण में जानकारी राज्य व केंद्रीय चुनाव आयोग को दी गई है. यह इस संदर्भ में उल्लेखनीय है.

जिलाधिकारी तथा जिला चुनाव अधिकारी सौरभ कटियार ने इस शिकायत के संदर्भ में कार्यवाई कर नवनीत रवी राणा, बलवंत वानखडे, आनंदराज यशवंत आंबेडकर, गाजी सादोद्दीन, दिनेश गणेशदास बूब, भाऊराव संपतराव वानखडे, एड. राजू मधुकरराव कलाने, अनिल ठवरे उर्फ डॉ. अनिल कुमार नागबौध्द, राजेश तुलसीराम खडे, सुरेश पुंडलिक मेश्राम सहित 10 अन्य उम्मीदवार को नोटिस भेजा है.
*उम्मीदवारों पर फौजदारी अपराध के चलते इस समयावधी में कार्यवाही करने के बारे में स्मरणपत्र चुनाव निर्णय अधिकारी कार्यालय के मार्फत उम्मीदवारों को दिए गए है. इस स्मरण पत्र के लिखित में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अगर 25 सितंबर 2018 का भी रहा तो 25 सितंबर 2017 का रहने से दर्ज कर अपनी लापरवाही दिखाई है.

चुनाव आयोग के मानक पुरा न करने वाले अखबारों में उम्मीदवारों के अपराध के विषयक की जानकारी दिखाने के बाद जिला चुनाव कार्यालय में इस बारे में दर्ज की है. मगर इस पर किसी भी प्रकार का सुधारणात्मक कार्यवाई नहीं की. उम्मीदवार की जो जानकारी मानक पुरा न करने वाले अखबारों में प्रकाशित हो रही है. यह बात अक्षय एडतकर ने सामने लाने तक चुनाव विभाग कुंभकर्णी निंद में सोने की बात स्पष्ट होती है.

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