अमरावती/ दि.16 – दर्यापुर तहसील के लतवाडा गांव में रहने वाले भीमराव कुर्हाडे ने रेती तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी, मगर प्रशासन की ओर से किसी तरह से उचित कदम नहीं उठाया गया. इसपर कुर्हाडे ने आज जिलाधिकारी कार्यालय प्रांगण में आत्मदहन करने की चेतावनी दी थी. सुरक्षा की दृष्टि से यहां पुलिस का तगडा बंदोबस्त लगाया गया. दोपहर के समय कुर्हाडे के पहुंचते ही गाडगे नगर पुलिस ने उसे धरदबोचा. इसके बाद पुलिस ने उसकी जिलाधिकारी के साथ चर्चा कराई. जिलाधिकारी ने कार्रवाई को लेकर सकारात्मक आश्वासन दिया, तब जाकर भीमराव कुर्हाडे ने अपना आंदोलन वापस लिया.
भीमराव कुर्हाडे के अनुसार दर्यापुर के लतवाडा गांव में रेती घाटों की निलामी न होने के बाद भी जमकर रेती तस्करी की जा रही है. इस बारे में भीमराव ने कई बार ज्ञापन सौंपे. आंदोलन भी किए, परंतु उन्हें केवल आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. राजस्व विभाग को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है. रेती तस्करों के कारण गांव के रास्ते खराब हो चुके है, जिसके कारण आये दिन सडक हादसों की घटनाएं सामने आ रही है. मजबुरी में भीमराव कुर्हाडे ने जिलाधिकारी कार्यालय के प्रांगण में कल बुधवार के दिन आत्मदहन करने की चेतावनी दी थी. जिसके कारण सुबह से ही पुलिस का तगडा बंदोबस्त लगाया गया था. जिलाधिकारी कार्यालय के मुख्य व्दार बंद कर दिये गए थे. दोपहर तक के कुर्हाडे आया ही नहीं. बेफिजुल पुलिस को तैनात रहना पडा. परंतु दोपहर 2 बजे जैसे ही भीमराव कुर्हाडे जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में पहुंचा, गाडगे नगर के पुलिस कर्मचारियों ने तत्काल उसे धर दबोचा. भीमराव कुर्हाडे की विनंती पर पुलिस कर्मचारियों ने जिलाधिकारी पवनीत कौर से भीमराव को मिलवाया. चर्चा के दौरान सारी हकीकत जानने के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले को सकारात्मक लेते हुए उस दिशा में नियमानुसार जरुरी कार्रवाई कराई जाएगी, ऐसा आश्वान दिया. तब जाकर भीमराव कुर्हाडे ने आत्मदहन आंदोलन पीछे लिया. पुलिस ने कुछ दिशानिर्देश और शर्तों के आधार पर भीमराव कुर्हाडे को छोडा.