खून की कमी, केवल तीन दिनों का स्टॉक
दोनों मुख्य रक्तपेढी ने किया आवाहन
* गर्मी और सीजन के कारण खून देने से कतरा रहे लोग
* अन्य शहरों की तुलना में अमरावती संतोषजनक
अमरावती /दि.13- रक्तदाताओं की नगरी कहलाती अमरावती में दोनों प्रमुख ब्लड बैंक जिला अस्पताल इर्विन और डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मारक अस्पताल में दो या तीन दिन जितना ही रक्त उपलब्ध है. उसमें भी निगेटीव ब्लड ग्रुप की भी काफी कमी है. ऐसे में पंजाबराव रक्तपेढी के डॉ. काकडे और इर्विन रक्तपेढी के डॉ. आशीष वाघमारे ने लोगों से रक्तदान करने का अनुरोध किया है. ताकि किसी रुग्ण की रक्त की कमी के कारण जान न जायें. उधर रक्तदान समिति अमरावती के अध्यक्ष और स्वयं 200 से अधिक बार रक्तदान कर चुके महेंद्र भूतडा ने कहा कि, इन दिनों में रक्त की कमी महसूस होती है. गर्मी और व्यापार के सीेजन के कारण लोग रक्तदान नहीं करते. फिर भी अन्य शहरों की तुलना में अमरावती में संतोषजनक स्थिति हैं. आवश्यक रक्त समूह का रक्त अथवा डोनर उपलब्ध हो जाता है.
* रोज 80 यूनिट चाहिए
दोनों रक्तपेढी के संचालकों से बात की तो उन्होंने अमरावती मंडल को बताया कि, रोज लगभग 80 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है. पीडीएमसी की रक्तपेढी 45-50 और जिला अस्पताल की 25-30 यूनिट उपलब्ध करवाती है. हालांकि रक्त संकलन की क्षमता दोनों ही रक्तपेढी की लगभग समान है. 700-800 यूनिट रक्त संकलन कर रखा जा सकता है.
* तेज धूप की वजह से दिक्कत
अमरावती में बडे प्रमाण में रक्तदाता हैं. बावजूद इसके गर्मी के सीजन में प्राय: लोग खून देने से बचते हैं. कॉलेजेस भी इस समय बंद रहते हैं. जिसके कारण रक्त की कमी महसूस होती है. गर्मियों में सडक हादसे बढ जाने के कारण रक्त यूनिट की डिमांड जहां बढ जाती है. वहीं रक्तदाता पर्याप्त संख्या में ब्लड बैंक अथवा शिविर में नहीं पहुंचते.
* थैलेसीमिया के मरीज
शहर और परिसर में थैलेसीमिया के भी मरीज काफी है. उन्हें नियमित अंतराल पर खून चढाना पडता है. पीडीएमसी की ब्लड बैंक से हर माह करीब 150 यूनिट ब्लड ऐसे रुग्ण के लिए दिये जाने की जानकारी डॉ. काकडे ने दी.
* वार्षिक संकलन 35-40 हजार
सूत्रों ने अमरावती मंडल को बताया कि, पीडीएमसी ब्लड बैंक का रक्त संकलन पिछले साल लगभग 13 हजार यूनिट रहा. इसी प्रकार जिला अस्पताल इर्विन की रक्तपेढी ने 9980 यूनिट रक्त संकलन किया. निजी ब्लड बैंक की बात करें, तो डॉ. दारा की रक्तपेढी का संकलन 6-7 हजार और बडनेरा की गाडगे बाबा का संकलन करीब 5 हजार यूनिट रहने की जानकारी सूत्रों ने आज दोपहर दी.
* तीन माह दिक्कत के
रक्तदान के प्रणेता कहे जाते महेंद्र भूतडा ने बताया कि, अप्रैल, मई, जून तीन माह थोडी दिक्कत होती है. खून उपलब्ध करवाने के लिए डोनर्स को विनती करनी पडती है. फिर भी दूसरे शहरों की तुलना में अमरावती में स्थिति संतोषजनक है. लोग रक्त देने के लिए चले जाते हैं. निगेटीव समूह के रक्त भी तत्परता से उपलब्ध करवाने का प्रयत्न रहता है.
* डिमांड अधिक, उपलब्ध कम
रक्तदान शिविरों के आयोजन के बावजूद रक्त की कमी महसूस हो रही है. इसके पीछे जानकारों ने बताया कि, रोज 100-110 यूनिट खून लगता है, जबकि आधे ही डोनर रक्तदान के लिए पहुंचते हैं.