अमरावती

शहर के मुख्य मार्गों पर दिशादर्शक फलक का अभाव

अमरावती/दि.17– शहर में साइलेन्स जोन के नियमों की ओर अनदेखी हो रही है. मुख्य मार्ग पर लाल पट्टियां और महत्वपूर्ण स्थानों पर दिशादर्शक फलक दिखाई नहीं देते. जिसके कारण नियम जनता के लिए है या प्रशासन के लिए यह सवाल निर्माण हो गया है. जहां सरकारी व निजी अस्पताल है, तथा जहां स्कूल, महाविद्यालय, जिला न्यायालय व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं की इमारतें अस्तित्व में है, वहां 100 मीटर का क्षेत्र ध्वनिविरहित क्षेत्र माना जाता है. न्यायालय ने इस संदर्भ में कुछ सीमाएं लगाई है, परंतु शहर में इस संदर्भ में अस्तित्व में रहने वाले नियमों का कभी भी पालन नहीं किया जाता.

जो परिसर साइलेन्स जोन के दायरे में आता है, वहां आज भी कर्कट हॉर्न बजाना, जोर-जोर से आवाज निकालने के साथ ध्वनिक्षेपक लगाकर शोभायात्रा, रैली निकाली जाती है, ऐसे स्थानों पर दिशादर्शक फलक संबंधित यंत्रणा द्वारा लगाए जाते है, किंतु कुछ ही स्थानों पर ऐसे फलक दिखाई देंगे. इसके अलावा यातायात वाले मार्ग से आने-जाने वाले वाहनों को कहां से साइलेन्स जोन लागू होता है और कहां खत्म होता है, इसकी जानकारी रहने के लिए निर्धारित दूरी पर यातायात वाले मार्ग पर सफेद और पीले रंग की पट्टी के अलावा लाल रंग की पट्टियां लगाई जाती है. वह एक तरह से 100 मीटर के लिए खतरे की चेतावनी होती है. किंतु लाल रंग की पट्टियां ऐसी इमारतों से 100 मीटर दूरी पर दिखाई नहीं देती. यातायात पुलिस आवागमन वाले रास्ते पर वाहनों को रोककर दंडात्मक कार्रवाई करते है. जिसमें कुछ वाहनचालकों की गलती नहीं होने पर भी उनका नुकसान होता है.

यातायात पुलिस द्वारा ध्वनिप्रदूषण अधिनियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ यातायात पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है. साइलेन्स जोन के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर विगत कुछ दिनों से कार्रवाई नहीं हुई है.
-मनिष ठाकरे, पुलिस निरीक्षक
परिवहन शाखा, अमरावती

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