अमरावतीमहाराष्ट्र

नियोजन के अभाव : महानगरपालिका में करोडों के बिल लंबित

वसूली लक्ष्य और दायित्व पर अनदेखी

* 15 वें वित्त आयोग की नहीं मिली निधि
अमरावती/दि.7 -शहर में संपत्तियों का पुनमूर्ल्यांकन और सर्वेक्षण पूर्ण होने के बाद महापालिका ने 150 करोड का लक्ष्य पूरा करने के लिए वसूली अभियान शुरु किया. इस दौरा 37 करोड का संपत्त टैक्स वसूल किया गया. हालांकि उस रकम का नियोजन नहीं करने से करोडों के बिल 4 से 5 महीने से लंबित तो है ही, इसके अलावा वेतन और बकाया देयक के लिए परेशानी हो रही है. टैक्स वसूली पर लक्ष्य केंद्रीत करने वाली मनपा ने दायित्व की ओर अनदेखी करने की बात कही जा रही है.
मनपा द्वारा डेढ-दो साल से संपत्तियों का असेसमेंट शुरु है. जिससे मनपा की वर्तमान और गत वर्ष की संपत्ति कर वसूली बाकी है. दोनों साल में मनपा को 210 करोड के लगभग वसूली करना है. प्रशासन ने असेसमेंट पूर्ण होते ही वसूली अभियान शुरु किया और इसमें सफल भी हुआ है. केवल डेढ महीने में 50 हजार से अधिक नागरिकों ने 27 करोड का संपत्ति कर अदा किया. अब वेतन और बिल समय पर मिलेंगे, ऐसा विश्वास ठेकेदार और कर्मचारियों का था. लेकिन प्रशासन ने वसूली पर लक्ष्य केंद्रीत करते हुए बिलों पर अनदेखी करने से बकाया देयक के महीने बढ रहे है. परिणामस्वरूप देयकों की रकम में भी बढोतरी हो रही है. मनपा में काम करने वाले ठेका कर्मचारियों को 4-5 महीने से वेतन नहीं. अब तो कोई उधार भी नहीं देगा, ऐसी उनकी स्थिति हो गई है.

एक ओर स्वच्छता नहीं होने से आक्रोश हो रहा है, वहीं सात महीने से बिल नहीं मिलने से अब क्या करें? इस विवंचना में ठेकेदार है. निर्माणकार्य ठेकेदारों के 25 से 27 करोड के बिल लंबित है. महावितरण के भी 31 करोड पुराने देयक के अलावा नए बिल का 3 करोड बकाया है. इसलिए महापालिका के पास संपत्ति कर के रूप में जमा हुई रकम का जल्द से जल्द नियोजन करे, यह मांग ठेकेदार और कर्मचारी कर रहे है.

* 15 वें वित्त आयोग की नहीं मिली निधि
महापालिका को हर साल दो चरण में 15 वें वित्त आयोग की रकम प्राप्त होती है. साल 2023-24 में 28 से 30 करोड रकम अक्टूबर-नवंबर और मार्च में मनपा को मिलेगी, ऐसी अपेक्षा रहने पर एक रुपया भी केंद्र और राज्य सरकार की ओर से नहीं मिला है. इस साल 15 वें वित्त आयोग की निधि में 8 प्रतिशत बढोतरी होकर 15.33 का पहला चरण प्राप्त होगा. यह निधि स्वच्छता व जलापूर्ति के साथही मूलभूत सुविधा के लिए खर्च किया जाता है. हालांकि पिछले साल की निधि अप्राप्त होने से प्रशासन के पास स्वच्छता व जलापूर्ति के बिल भी बकाया है. सरकार की ओर से निधि नहीं मिली तथा मनपा फंड से बिल देने पडेंगे. हालांकि उसका भी नियोजन एक साल बीतने के बाद भी प्रशासन ने नहीं करने से नियोजन का अभाव दिख रहा है.

बिल अदा करने का नियोजन करेंगे
मनपा पर जिस प्रकार से दायित्व सौंपा है, उसकी तुलना में वसूली अथवा सरकार की ओर से निधि प्राप्त नहीं होने से दायित्व का प्रमाण बढ गया है. हालांकि अब संपत्ति कर से प्राप्त रकम से वेतन और ठेकेदारों के बिल देने का नियोजन करेंगे.
-डॉ.देवीदास पवार, मनपा आयुक्त

 

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