अमरावती

प्रदेश के नियोजन अभाव से बाघों की गिनती में चूक

दोबारा होगी व्याघ्र प्रगणना

राष्ट्रीय संस्था के महाराष्ट्र को निर्देश
अमरावती -दि.11 बाघ गणना में महाराष्ट्र वन विभाग द्बारा मनमर्जी से काम कर अत्यंत त्रृटी पूर्ण जानकारी देने से देश भर में बाघों की संख्या पता नहीं चल पा रही है. आंकडें में विलंब हो रहा है. महाराष्ट्र की गलती के कारण ऐसा होने का दावा किया जा रहा. इस बीच राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण ने महाराष्ट्र में नये सिरे से बाघ की गणना करने कहा है. अक्तूबर में होेने वाली गिनती बारिश के कारण प्रलंबित हो रही है. प्रदेश में 4226 वनबीट होने की जानकारी देते हुए बताया गया कि, वहां दोबारा गणना होगी. मेलघाट में 280 वनबीट हैं.
* कैसे हुई भूल
वन्य जीव प्रगणना राष्ट्रीय बाघ संवर्धन प्राधिकरण ने जांच करने पर उसमें गलती देखी. 6 दिनों में बाघ, तेंदूआ, नील गाय, हरिण और अन्य वन्यजीवों के चिन्हों को दर्ज किया गया था. 3 दिनों में 15 किमी पैदल चलना अपेक्षित था. किंतु अनेक वन रक्षकों ने ऐसा नहीं किया. वनबीट का डेटा कुछ लोगों ने उपलब्ध नहीं किया. कुछ वन कर्मचारियों ने वाहन का इस्तेमाल किया. ट्रान्झीट लाइन पर सबेरे 9 बजे से चलना अपेक्षित था. अनेक ने दोपहर का समय चुना. विविध आकार के सैंपल प्लॉट 5 से कम जगहों की जानकारी जमा की गई. ऐसी अनेक गलतियों पर बाघ प्राधिकरण ने सवाल उठाये है.
* नये सिरे से गणना
अप्पर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक बी. एस. हुडा ने गत 3 अक्तूबर को वन अधिकारियों को पत्र भेजकर दोबारा नये सिरे से भाग गणना के निर्देश दिये है. यह गणना 4226 वनबीट में होगी. जिसमें मेलघाट के 280, अलीबाग के 227, गोंदिया के 236, नागपुर 235, आलापल्ली 152, गडचिरोली 150 वनबीट का समावेश है. प्रशिक्षण में ही गलती होने की बात कहीं गई है. अब 16 अक्तूबर तक बारिश की संभावना को देखते हुए प्रगणना स्थगित की गई है. इसके बाद गणना होगी.

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