रपटे का अभाव बना खतरा, यात्रियां से भरी क्रूजर नाली में पलटी
बहिरम से परतवाड़ा मार्ग पर हुआ हादसा, बाल-बाल बचे यात्री
परतवाड़ा /दि. ६-बहिरम का मेला अंतिम दिनों की ओर है. यात्रा समाप्त हो रही है इसलिए अभी भी लोग गाडियों से बहिरम की यात्रा में बहिरम बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इसी दौरान एक यात्रियों से भरी क्रूजर गाडी जब परतवाडा पहुंची तो पुलिस स्टेशन के पीछे वाले मोड पर बनी नाली में गाडी पूरी तरह से पलटी खा गई. इस गाडी में लगभग १२ से १४ लोग सवार थे. वाहन चालक की सूझबूझ के कारण यहां बडा हादसा होने से टला और सभी यात्री बाल-बाल बच गये. इस हादसे के लिए पूरी तरह से यहां बनी गहरी नाली जिम्मेदार बताई जा रही है. सौभाग्य से किसी को भी कोई चोट नहीं पहुंची. सभी यात्री बाल-बाल बचे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अचलपुर नगर पालिका अंतर्गत आने वाले बैतुल मार्ग से सटे परतवाडा पुलिस स्टेशन के पीछे परतवाडा मार्ग से भीतर आ रही क्रूजर गाडी सीधे नाली में जाकर पलट गई. नाली की गहराई ज्यादा होने और ऊपर से नाली पर रपटा नहीं रहने के कारण यह हादसा हुआ. इसके पूर्व भी इस तरह के अनेक हादसे यहां घटित हो चुके हैं. नागरिकों व वाहन चालकों द्वारा बार- बार शिकायत करने के बावजूद भी इस नाली पर कोई भी रपटा नहीं डाला गया है. जल्द ही इस बारे में नगर पालिका प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया तो यहां गंभीर हादसा घटित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. बता दें कि, बैतुल मार्ग से सटा यह परतवाडा मार्ग बैतुल की ओर से आ रहे लोगों को परतवाडा में प्रवेश दिलाता है. इसलिए दिनभर में सैकडों वाहन इस मार्ग का उपयोग करते हुए शहर में दाखिल होते हैं. जिसमें फोर व्हीलर, टू व्हीलर सहित अनेक छोटे-बड़े वाहनों का समावेश होता है. शालाओं की स्कून वैन, अतिसंवेदनशील मरीजों को लेकर जाने वाली एंबुलेंस आदि भी इस मार्ग का उपयोग बडे़ पैमाने पर करते हैं. इसलिए यह रास्ता सभी वाहन चालकों व राहगिरोें के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस मार्ग पर जिस समय यह हादसा घटित हुआ उस समय कोई व्यक्ति या वाहन इस हादसे की चपेट में नहीं आया.
रपटे का अभाव दुर्घटना का मुख्य केंद्र बिंदू
बैतुल मार्ग से सटा परतवाड़ा पुलिस स्टेशन के पीछे वाला मार्ग दिनभर वाहनों से भरा रहता है. इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बनी रहती है. ऐसे में यहां बनी गहरी नाली पर रपटा नहीं रहने से यह स्पॉट दुर्घटना का मुख्य केंद्र बिंदु बना है. जब तक यहां कोई भीषण हादसा घटित नहीं होता तब तक क्या प्रशासन कुंभकर्णी नींद से नहीं जागेगा, ऐसा गंभीर सवाल जनता द्वारा पूछा जा रहा है.