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स्वास्थ्य महकमे की तैयारी कब होगी पूर्ण
अमरावती/दि.30 – इन दिनों कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये वेरियंट का खतरा सामने आया है. साथ ही इसे लेकर यह जानकारी भी सामने आयी है कि, वायरस के इस नये वेरियंट के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और अब अमरावती जिले के आसपास स्थित जिलों में भी ओमिक्रॉन वेरियंट संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. जिससे जिले की चिंता बढ गई है. ऐसे में इस पर नियंत्रण पाने हेतु प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं सहित टीकाकरण व स्वैब सेंटर के साथ ही कोविड टेस्टिंग की संख्या में वृध्दि करना बेहद आवश्यक है. किंतु इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमे द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है. ऐसा चित्र फिलहाल दिखाई दे रहा है.
बता दें कि, अमरावती जिले के आसपास स्थित नागपुर, अकोला व बुलडाणा जिले में ओमीक्रॉन संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. ऐसे में अमरावती जिले में भी तमाम आवश्यक सावधानी व सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशंका जताई जा चुकी है कि ओमिक्रॉन वेरियंट की वजह से कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है. ऐसे में जिले में रात्रिकालीन संचारबंदी लागू करने के साथ-साथ कई प्रतिबंधात्मक नियमों को भी लागू किया जा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि, इन नियमों पर कडाई के साथ अमल नहीं हो रहा. सुपर स्प्रेडर श्रेणी में रहनेवाले लोगों का टीकाकरण हुआ है अथवा नहीं, इस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. कहीं पर भी फिजीकल डिस्टंसिंग संबंधी नियम का पालन नहीं हो रहा. लोगबाग बिना मास्क लगाये ही बेधडक घुम रहे है तथा कोविड त्रिसूत्री नियमों के उल्लंघन को लेकर किसी तरह की कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही.
कोविड संक्रमण काल के दौरान 9 लाख टेस्टिंग
जिले में मार्च 2020 के अंत से थ्रोट स्वैब सैम्पल लेने और कोविड टेस्ट करने की शुरूआत की गई. जिसके तहत अब तक 9 लाख 2 हजार 993 टेस्टिंग की जा चुकी है. इसमें से 96 हजार 830 सैम्पलों की रिपोर्ट पॉजीटीव पायी जा चुकी है. जिनमें शहर के 45 हजार 53 तथा ग्रामीण के 51 हजार 777 पॉजीटीव पाये गये. इस दौरान 4 लाख 56 हजार 56 आरटीपीसीआर, 4 लाख 45 हजार 789 रैपीड एंटीजन तथा 1 हजार 161 ट्रूनेट पध्दति से सैम्पलोें की जांच हुई है.
जारी माह में हुई कोविड टेस्टिंग
22 दिसंबर – 730
23 दिसंबर – 910
24 दिसंबर – 895
25 दिसंबर – 834
26 दिसंबर – 645
27 दिसंबर – 645
28 दिसंबर – 545
कर्मचारियों में कटौती, स्वैब सेंटरों मेें कमी
कोविड संक्रमण का असर कम होते ही ठेका पध्दति पर नियुक्त किये गये कर्मचारियों में कटौती की गई. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग में फिलहाल लैब टेक्निशियन की काफी कमी है. ऐसे में कोविड टेस्टिंग काफी कम हो रही है. इस समय मनपा क्षेत्र में मनपा व सीएस कार्यालय स्तर पर एक-एक केंद्र शुरू है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में तहसील स्तर पर स्वैब सेंटर शुरू रखा गया है. किंतु संक्रमण की तीसरी लहर को रोकने के लिए स्वैब सेंटर को बढाये जाने की सख्त जरूरत है.