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लवाद न्यायाधिकरण गैरकानूनी चल रहा था

पुलिस जांच में हुआ स्पष्ट, जिला न्यायालय को एसीपी ने सौंपी रिपोर्ट

अमरावती – /दि.17 शहर के पंचवटी चौक मोर्शी रोड पर चल रहे लवाद न्यायाधिकरण के मामले में अदालती आदेश के बाद गाडगे नगर झोन की सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटील ने जांच कर शनिवार 15 अक्तूबर को अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की है. सूत्रों के मुताबिक जांच में यह बात स्पष्ट हुई कि, लवाद न्यायाधिकरण अवैध रुप से चलाया जा रहा था. अब इसमें आगे क्या कार्रवाई होती है उसी पर सभी का ध्यान केंद्रीत हैं.
उल्लेखनीय है कि, पंचवटी चौक के पास चल रहे लवाद न्यायाधिकरण के मामले में जिला व सत्र न्यायाधीश (1) ने एक प्रकरण की जमानत के मामले में सरकारी वकील एड. सुनील देशमुख द्बारा प्रश्न उपस्थित किये जाने पर सहायक पुलिस आयुक्त पूनम पाटील को जांच के आदेश देकर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा था. इस अदालती आदेश के बाद एसीपी पूनम पाटील ने जांच शुरु करते हुए लवाद न्यायाधिकरण के सर्वेसर्वा सिद्धार्थ रामटेके और कार्यालय के अन्य लोगों के बयान दर्ज कर 50 से 60 पन्नों की रिपोर्ट जिला व सत्र न्यायालय (1) को शनिवार को सौंपी हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक न्यायाधीश शनिवार को न रहने से यह रिपोर्ट आज प्रस्तुत की गई. रिपोर्ट मेें यह स्पष्ट किया गया है कि, सिद्धार्थ रामटेके को लवाद न्यायाधिकरण चलाने हाईकोर्ट, राज्य व केंद्र सरकार की कोई अनुमति नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. शोएब खान ने भी जिलाधिकारी पवनीत कौर को अपने वकीलों के साथ निवेदन सौंपकर गैर कानूनी तरीके से खुलेआम चलने वाले इस लवाद न्यायाधिकरण की जांच कर कडी कार्रवाई करने की मांग की हैं. यह निवेदन मिलने के बाद जिलाधिकारी ने उपविभागीय अधिकारी रणजीत भोसले को जांच के आदेश दिये है. लेकिन एसडीओ की अब तक जांच पूर्ण नहीं हो पायी हैं. लेकिन पुलिस द्बारा जांच रिपोर्ट अदालत में सौंपे जाने के बाद अवैध रुप से चल रहे इस लवाद न्यायाधिकरण के सर्वेसर्वा सिद्धार्थ रामटेके पर क्या कार्रवाई की जाती है, इसी पर सभी का ध्यान केंद्रीत है.

पीडित लोगों को सामने आने का आवाहन
जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. शोएब खान ने नागरिकों से आवाहन किया है कि, जो-जो इस लवाद में गये थे और जिन्हें आदेश अथवा डिग्री दी गई है वह संबंधित लोग वकील संघ के पास वह फर्जी दस्तावेज लेकर आये. उन्हें वकील संघ द्बारा आगे का उचित मार्गदर्शन दिया जाएगा. साथ ही इस प्रकरण में वकील संघ न्यायालय से मांग करेंगा कि, अब जब यह स्पष्ट हो गया हैं कि, लवाद न्यायाधिकरण अवैध रुप से चल रहा, तो उसे हाईकोर्ट स्थानांतरीत करें.

पुलिस को करना चाहिए मामला दर्ज
अदालती आदेश के बाद एसीपी पूनम पाटील द्बारा जांच में यह पाया गया है कि, सिद्धार्थ रामटेके लवाद न्यायाधिकरण अवैध रुप से चला रहा था और जांच रिपोर्ट जब अदालत में प्रस्तुत की गई है, तो पुलिस ने किसी की शिकायत आने का इंतजार करने की बजाय खुद ही शिकायतकर्ता बनकर मामला दर्ज करना चाहिए.

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