अमरावतीमहाराष्ट्र

अंजनसिंगी के बैल बाजार में होता है लाखों का व्यवहार

सालभर में 3.93 करोड की खरीदी-बिक्री

* भीषण गर्मी में भी किसानों की भीड
धामणगांव रेलवे/दि.20– धामणगांव रेलवे तहसील से 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित अंजनसिंगी का बाजार विदर्भ में प्रसिद्ध है. इस बैल बाजार में सालभर में लगभग 6 से 7 हजार पशुओं के खरीदी-बिक्री के व्यवहार होते है. अंजनसिंगी के बैल बाजार में बडे पैमाने पर खरीदी-बिक्री हो रही है. विगत साल भर में 3 करोड 93 लाख रुपए का व्यवहार हुआ.बढते तापमान में भी पशुपालकों सहित किसानों की भीड हो रही है.

धामणगांव बाजार समिति अंतर्गत मंगरूल दस्तगरी, तलेगांव, अंजनसिंगी में पशुओं का उप बाजार लगता है. इसमें से मंगरूल दस्तगीर का बाजार नए से यानी गुरुवार 22 फरवरी से शुरु किया गया है. इन बाजार में अंजनसिंगी का बाजार जुना व विदर्भ में प्रसिद्ध है. 1985 से पहले से यह बाजार लगता था. उस समय बाजार का नियंत्रण ग्रामपंचायत द्वारा किया जाता था. आज दो हेक्टेयर 43 आर इतने विस्तारित क्षेत्र में हर बुधवार को बाजार लगता है. बाजार समिति की सभापति कविता गावंडे व उपसभापति मंगेश बोबडे है. अंजनसिंगी में पशुओं की सीधी बिक्री होती है. नकद व्यवहार होने से लाइसेंस की जरूरत नहीं पडती. खरीदी-बिक्री का व्यवहार होते समय संबंधितों द्वारा आधार कार्ड मांग कर रसीद भी ली जाती है.

आर्वी, अंजनसिंगी, धामणगांव सहित मध्य प्रदेश के व्यापारी खरीदी-बिक्री के व्यवहार में सहभागी होते है. पिछले 25 ालों से पशु व्यापारी दिवाकर भगत यहां के बाजार से जुडे है. यहां पर सर्वाधिक बैलजोडियों की संख्या होती है. एक से डेढ लाख तक जोडी उपलब्ध रहत है. तथा देसी भैंस, बकरियों का भी समावेश रहता है. अंजनसिंगी के बाजार में पहले देसी गाय आती थी, अब पंजाब, हरियाना क्षेत्र की संकरित गाय का भी प्रमाण बढा है. 50 हजार से 1 लाख तक उनकी कीमत है. बाजार में सप्ताह में औसतन 50 गोधन का व्यवहार होता ेहै. मुर्‍हा भैंस की भी आवक यहां होती है. जिनकी कीमत 75 हजार से 1 लाख तक है. अंजनसिंगी के बाजार में बैलों के खरीदी-बिक्री का कारोबार होता है. दौरान विगत साल भर में 3 करोड 93 लाख का व्यवहार हुआ है.

आवश्यक सुविधाएं कराई गई उपलब्ध
पशुओं के लिए बाजार समिति ने रैम्प की सुविधा भी उपलब्ध कराई है. परिसर में स्थित एकमात्र शेड में केवल गोधन रखे जाते है. इसलिए शेड की संख्या बढाने की मांग की जा रही है. किसानों के लिए शीतल पेयजल, निवास की व्यवस्था भी कराई है. किसानों ने साथ लाए भोजन का लाभ वे ले सके, इसके लिए शिदोरी भवन का भी निर्माण किया है. पशुओं के लिए पानी के दो हौद, छांव के लिए शेड, हरे पेड है. संपूर्ण परिसर को तार का कम्पाउंड रहने से परिसर सुरक्षित है.
-कविता गावंडे, सभापति,
कृषि उपज बाजार समिति.

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