परतवाडा/दि.8 – चंद्रभाग जालपूर्ति योजना के करोडो रुपए के पाइप पिछले दस वर्षो से अचलपुर नगरपालिका की लापरवाही के चलते कल्याण मंडपम परिसर में धूल खाते हुए नजर आ रहे है. यह पाइप नगरपालिका द्वारा यहां रखवाए गए थे जिस पर अब धूल जम चुकी है. केंद्र सरकार की एकात्मीक विकास योजना अंतर्गत 2007-08 में अचलपुर-परतवाडा शहर को चंद्रभागा प्रकल्प से बढाकर जलापूर्ति योजना मंजूर की गई थी. पहले यह योजना 40 करोड रुपए की थी इसके पश्चात यह योजना 7 करोड पर पहुंच गई थी.
जलापूर्ति योजना अंतर्गत जिंदल सॉ.लि. की ओर से 2008-09 में बडे प्रमाण में पाइप की खरीदी की गई थी. जिसके लिए अचलपुर नगरपालिका की ओर से महाराष्ट्र बैंक के मार्फत 10 करोड की लेटर ऑफ क्रेडिट भी प्रदान की गई थी. किंतु पाइप खरीदी में उचित नियोजन नहीं किया गया था आवश्यकता से अधिक पाइप खरीद लिए गए थे. जिसमें अब दस वर्ष के पश्चात भी करोडो रुपए के पाइप धूल खाते पडे दिखायी दे रहे है. कुछ पाइप कल्याण मंडपम परिसर के बाहर भी लावारिस पडे नजर आ रहे है.
इनमें से कुछ पाइप यहां से चोरी भी किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है. करोडो रुपए के पाइप पिछले दस वर्षो से कल्याण मंडपम परिसर में धूल खाते पडे है. 4 वर्ष पूर्व अचलपुर-परतवाडा शहर में जलापूर्ति के लिए अमृत योजना मंजूर की गई थी. जिसमें जुडवा शहर में नई पाइप लाइन बिछाने के लिए नए पाइप की खरीदी की गई. करोडो का खर्च अमृत योजना अंतर्गत नगरपालिका द्वारा किया गया. किंतु यह योजना भी सफल नहीं हो सकी. इस योजना में किए गए कार्यो पर नागरिकों सहित पार्षदों ने भी आक्षेप उठाया था.
पिछले बारा वर्षो में जुडवा शहर को जलापूर्ति के लिए लायी गई दोनो ही योजना सफल नहीं हो पायी थी. जुडवा शहर में अब भी पर्याप्त रुप से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. ट्यूबवेल के माध्यम से नागरिकों को जलापूर्ति की जा रही है. शहर में स्थित ट्यूबवेल व बोरवेल से पाइप जोडकर जलापूर्ति की जा रही है. पालिका क्षेत्र अंतर्गत जलापूर्ति सुचारु रुप से नहीं हो पा रही. अमृत योजना के जांच के आदेश शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कडू ने छह महीने पूर्व दिए थे. किंतु जांच की रिपोर्ट में कुछ भी हासिल नहीं हो पाया ना ही नागरिकों को राहत मिली. दस वर्षो से कल्याण मंडपम मे धूल खाते पडे करोडो रुपए के पाइप की चर्चा शहर में व्याप्त है.