लालपरी ने पकडी रफ्तार, सभी कर्मचारी लौटे काम पर
2,377 में से 13 अनुपस्थित, 2 अब भी हडताल पर अडे हुए
अमरावती/दि.30- विलीनीकरण की मांग को लेेकर एसटी कर्मचारियों द्वारा शुरू की गई हडताल अब पूरी तरह से खत्म हो गई है और रापनि की लालपरी बसें एक बार फिर यात्रियों को लेकर सडकों पर फर्राटा भर रही है, क्योंकि अब लगभग सभी विभागों के सभी कर्मचारी काम पर लौट आये है. जानकारी के मुताबिक रापनि के अमरावती विभाग अंतर्गत हाजरीपट पर रहनेवाले 2,377 में से 1,851 कर्मचारी इस समय काम पर हाजीर है. वहीं 511 कर्मचारी साप्ताहिक अवकाश, अधिकृत अवकाश या दौरे पर है. इसके अलावा 13 कर्मचारी अनुपस्थित है. वहीं वरूड व दर्यापुर डिपो के 1-1 कर्मचारी अब भी हडताल से काम पर वापिस नहीं लौटे है.
बता दें कि, अमरावती जिले के 8 आगारों में कुल 377 बसें है. जिसमें से 350 बसे रोजाना दौड रही है. जिसके तहत अमरावती आगार से औरंगाबाद, नागपुर, नांदेड, जलगांव, यवतमाल व लोणार के लिए रातराणी बसें शुरू कर दी गई है. साथ ही अब लंबी दूरीवाले रूटों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकोेंवाले रूटों पर भी बस सेवा बहाल हो गई है.
* शत-प्रतिशत कर्मचारी काम पर लौटे
जिले के आठ आगारों में कुल 2,377 कर्मचारी है. जिसमें से इस समय काम पर 1,851 कर्मचारी उपस्थित है. वहीं 511 कर्मचारी साप्ताहिक छुट्टी या अवकाश पर है और 13 कर्मचारी गैरहाजिर है. इसके अलावा 2 कर्मचारी अब भी हडताल पर अडे हुए है.
* 350 बसें दौड रही है
अमरावती जिले के आठों आगारों से इस समय 350 बसें दौड रही है. यदि दो कर्मचारियों के अपवाद को छोड दिया जाये, तो शत-प्रतिशत कर्मचारी काम पर हाजिर हुए है और अब रापनि की बस सेवा पहले की तरह सामान्य हो गई है.
* आगारनिहाय स्थिति
आगार कुल कर्मचारी काम पर लौटे हडताल पर अडे
अमरावती 210 210 —
बडनेरा 146 146 —
परतवाडा 254 254 —
मोर्शी 156 156 —
वरूड 165 164 01
दर्यापुर 227 226 01
चांदूर बाजार 142 142 —
चांदूर रेल्वे 158 158 —
* रातराणी भी हुई शुरू
इस समय रापनि की रातराणी बस सेवा भी शुरू हो गई है. जिसके तहत औरंगाबाद, अकोला, यवतमाल, लोणार, जलगांव, भुसावल व नागपुर आदि रूटों पर रातराणी बस सेवा को बहाल कर दिया गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी बसें चलाई जा रही है. किंतु इस समय गर्मी की छुट्टियां चल रही है और शालाएं बंद है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में फिलहाल यात्री संख्या बहुत अधिक नहीं है. जिसके चलते कम यात्री संख्यावाले मार्गों पर चलाई जानेवाली बसों की संख्या फिलहाल कुछ कम है.