* 2 हजार 42 कर्मचारी अब भी हडताल पर डटे हुए
* 363 में से केवल 12 बसें उतरी सडकोें पर
अमरावती/दि.14- राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने विगत एक माह से हडताल कर रहे एसटी कर्मचारियों को सोमवार तक काम पर लौट आने का अल्टीमेटम दिया था. जिसके बाद 13 दिसंबर को रापनि के अमरावती विभाग में केवल 2 कर्मचारी हडताल छोडकर काम पर लौटे. इसमें एक यांत्रिकी कर्मचारी व एक यातायात निरीक्षक का समावेश है. इस तरह अब तक कुल 346 रापनि कर्मी काम पर वापिस लौटे है. वहीं दूसरी ओर 2 हजार 42 कर्मचारी अब भी हडताल पर डटे हुए है. चूंकि काम पर लौटनेवाले अधिकांश कर्मचारी यांत्रिक व प्रशासकीय विभागों से वास्ता रखते है तथा ज्यादातर वाहक व चालक विलीनीकरण की मांग को लेकर हडताल पर डटे हुए है. ऐसे में रापनि की ‘लालपरी’ के पहिये अब भी थमे हुए है और जिले के आगारों में उपलब्ध 363 बसों में से केवल 12 बसों को अलग-अलग रूट पर चलाया जा रहा है. जिससे रापनि के आर्थिक समीकरण पूरी तरह से गडबडाये हुए है.
बता दें कि, राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर दीपावली पर्व के तुरंत बाद 7 नवंबर से रापनि कर्मचारियों द्वारा राज्यव्यापी हडताल करनी शुरू कर दी गई थी. जिसके चलते पूरे राज्य में सरकारी बस सेवा पूरी तरह से ठप्प हो गई. पश्चात विभिन्न दौर की वार्ताओं के बाद राज्य सरकार द्वारा रापनि कर्मियों को 41 फीसद वेतन वृध्दि दिये जाने की घोषणा करने के साथ ही उनसे काम पर लौट आने का निवेदन किया गया. किंतु रापनि कर्मचारियों ने वेतन वृध्दि की मांग को ठुकरा दिया, एवं वे विलीनीकरण की मांग पर अडे हुए है. वहीं इस दौरान कुछ वाहकों व चालकों सहित प्रशासकीय व यांत्रिक विभाग के कई कर्मचारियों ने वेतन वृध्दि की मांग को स्वीकार किया और वे काम पर लौट आये. जिनके जरिये रापनि द्वारा अपनी सरकारी बसों की सेवा को आंशिक रूप से बहाल किया गया. विगत एक माह से चली आ रही हडताल को खत्म कराने हेतु सरकार द्वारा हडताली कर्मचारियों के खिलाफ कडी कार्रवाईवाले कदम भी उठाये गये. जिसके तहत कई कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, निष्कासन, सेवा समाप्ती व तबादले की कार्रवाई भी की गई. लेकिन इसके बावजूद भी रापनि के अधिकांश कर्मचारी विलीनीकरण की मांग को लेकर एक माह पूरा होने के बाद भी हडताल पर अडे हुए है.
बता दें कि, रापनि के अमरावती विभाग में कुल 2 हजार 444 कर्मचारी कार्यरत है. जिसमें से 2 हजार 42 कर्मचारी अब भी हडताल पर है और 346 कर्मचारी ही काम पर लौटे है. काम पर लौटनेवाले कर्मचारियों में प्रशासकीय विभाग के 234, यांत्रिक विभाग के 89 कर्मचारियों सहित 21 चालकों व 2 वाहकों का समावेश है. ऐसे में इन चालकों व वाहकों के जरिये अमरावती, वरूड व मोर्शी आगार से रापनि की 12 बसों की 24 फेरियां शुरू की गई है. वहीं जिले के आठों आगारों में उपलब्ध 363 में से 351 बसें अब भी जगह पर ही खडी है.
बॉक्स
आगारनिहाय काम पर लौटनेवाले व हडताली कर्मचारियों की संख्या
आगार काम पर लौटे हडताली
अमरावती 48 240
बडनेरा 23 163
परतवाडा 09 261
वरूड 32 255
चांदूर रेल्वे 04 165
दर्यापुर 57 249
मोर्शी 16 164
चांदूर बाजार 10 176