जिले की 5 तहसीलों से लिए गए 35 सैम्पल
अमरावती/दि.27 – राज्य में कुछ माह पूर्व गाय व भैस जैसे जानवरों में लम्पी नामक त्वचारोग फैला था. जिसके चलते सैकडों बेजुबान जानवरों की जान गई थी. इस बात के मद्देनजर राज्य सरकार ने लम्पी की बीमारी पर प्रतिबंधक वैक्सीन तैयार करने हेतु पहल शुरु है और कोविड के बाद अब लम्पी की वैक्सीन तैयार होने वाली है. जिसके लिए लम्पीग्रस्त जानवरों के सैम्पल बंगलुरु की प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजे जाने वाले है. इस हेतु अमरावती जिले की 5 तहसीलों से भी 35 सैम्पल इकट्ठा किए गए है. वहीं लम्पी की बीमारी पर पूरे देश में पहली बार महाराष्ट्र द्बारा वैक्सीन बनाने की पहल की जा रही है. जो बहुत जल्द सफल भी हो जाएंगी.
जानकारी के मुताबिक पशु संवर्धन आयुक्तालय द्बारा राज्य के अलग-अलग जिलों से संकलित किए गए सैम्पलों का बंगलुरु की प्रयोगशाला में अध्ययन किया जाएगा. जिसके बाद जानवरों को वैक्सीन देने के संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा. ज्ञात रहे कि, अगस्त 2022 में लम्पी स्क्रीन डिसीज के संक्रमण का प्रभाव बढा था और अब भी कुछ जिलों में जानवरों को लम्पी का संक्रमण होने की बात सामने आ रही है. ऐसे में एक बार फिर लम्पी स्क्रीन डिसीज का प्रादूर्भाव होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. अमरावती जिले में 2 अगस्त 2022 को लम्पी स्क्रीन डिसीज से संक्रमित पहला जानवर पाया गया था. जिसके बाद 31 दिसंबर 2022 तक जिले में 39 हजार जानवर इस संक्रमण की चपेट में आए थे. जिसमें से कई जानवरों की मौत भी हुई थी. ऐसे में लम्पी प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के लिए अध्ययन करने हेतु पशु संवर्धन विभाग ने अमरावती, भातकुली, दर्यापुर, तिवसा व चांदूर रेल्वे इन 5 तहसीलों से सैम्पल जमा करने का काम शुुरु किया और चुनिंदा 35 सैम्पलों को बंगलुरु की प्रयोगशाला में अध्ययन हेतु भिजवाया.
* पुणे में वैक्सीन का काम शुरु
गत वर्ष लम्पी वैक्सीन की बीमारी का संक्रमण बढने पर पशु संवर्धन विभाग द्बारा जानवरों को गोत पॉक्स नामक वैक्सीन दी गई थी और पशु संवर्धन विभाग को यह वैक्सीन खरीदनी पडी थी. लेकिन अब पुणे में ही लम्पी प्रतिबंधात्मक वैक्सीन तैयार होने वाली है. जिसके चलते पुणे की पशु वैद्यकीय जैव पदार्थ निर्मित संस्था (आईवीबीपी) द्बारा इस वैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा, ऐसी जानकारी पशु संवर्धन विभाग के उपायुक्त डॉ. संजय कावरे द्बारा दी गई.