अमरावती/दि.18– पहले ही अतिवृष्टि से दिक्कत में आए जिले के अनेक किसानों को पशुओं पर आए लम्पी रोग ने फिर संकट में डाल दिया. 930 गांवों में लम्पी से दुधारु पशु प्रभावित हुए. लगभग 30 हजार पशु इस रोग की चपेट में आ गए थे. 1994 पशुओं की लम्पी से मौत हो गई. अब तक 1305 पशुपालकोें को शासन से मुआवजा मिला हैं जबकि 689 पशुपालक मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं. उधर विशेषज्ञों का कहना है कि, पशुओं की मृत्यु दर अभी तक नियंत्रण में नहीं आई हैं. पशु पालक सावधान रहे और खबरदारी बरतें.
* अगस्त से प्रकोप
लम्पी बीमारी का राज्य में गत अनेक माह से पशुओं में प्रकोप देखा गया. अमरावती जिले में गत अगस्त माह से लम्पी बीमारी की एंट्री हुई. 14 तहसीलों के सैकडों गांवों में हजारों पशुओं को लम्पी ने अपनी चपेट में ले लिया था. अब तक यह संख्या 28663 होने की अधिकृत जानकारी हैं. 22187 पशु बीमारी से उपचार बाद स्वस्थ्य हो गए अभी भी 4482 पशुओं का उपचार पशु सवंर्धन विभाग के माध्यम से चल रहा हैं. अधिकृत सूत्रों ने बताया कि 165 पशु की हालत गंभीर बनी हुई हैं. विभाग की यंत्रणा ध्यान दे रही हैं. मरने वाले पशुओं की संख्या 2 हजार के करीब जा पहुंची हैं.
* 3.25 करोड की सहायता
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि, जिले में 17 नवंबर तक 1994 पशु लम्पी के कारण मारे गए. इसमें से 1305 पशु पालकों को सरकार ने 3 करोड 25 लाख से अधिक सहायता प्रदान की हैं. उसी प्रकार लम्पी की रोकथाम हेतु उपायुक्त डॉ. नितिन फुके पर निरीक्षक के रुप में पशु संवर्धन आयुक्तालय ने जवाबदारी दी हैं. उपायुक्त डॉ. संजय कावरे, पशु संवर्धन अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम सोलंके के नेतृत्व में लम्पी की रोकथाम हेतु प्रयत्न जारी हैं.