उड़ानपुल के निर्माण में 26 भूधारकों की जा रही है जमीन
बडनेरा जुनीबस्ती के रेलवे क्रोसिंग पर चल रहा निर्माणकार्य
* 4 की जमीन अधिग्रहित, अन्य बाजारभाव मिलने की मांग को लेकर अड़े
अमरावती/दि.16- बडनेरा शहर के जुनीबस्ती रेलवे क्रोसिंग के पर उडानपुल का निर्माणकार्य चल रहा है. इस उडानपुल के निर्माण के लिए चंद्रनगर के पास की 26 भूधारकों की जमीन अधिग्रहित करना है. इनमें से चार लोगों की सीधी खरीदी के जरिए जमीन अधिग्रहित हो गई है. लेकिन अन्य लोग बाजारभाव के मुताबिक मुआवजा मिलने की मांग को लेकर अड गए है. इस कारण बुधवार को बचत भवन में संबंधित भूधारकों की आयोजित बैठक में काफी हंगामा हुआ और इन सभी भूधारकों ने शासन द्वारा निर्धारित मुआवजा रकम लेने से इंकार कर दिया.
बडनेरा जुनी बस्ती के पुराने बायपास रोड पर स्थित रेल्वे क्रोसिंग पर उड़ान पुल का निर्माण करने को वर्ष 2021 में मंजूरी मिली थी. इस उड़ानपुल का भूमिपूजन सांसद नवनीत राणा के हाथों होेने के बाद इस वर्ष से इसका निर्माणकार्य शुरु हुआ है. रेल्वे क्रोसिंग के पास स्थित स्मशान भूमि की तरफ से शुरु हुआ यह काम अब जुनी बस्ती की तरफ आने वाले मार्ग की तरफ हो रहा है. इस उड़ानपुल के निर्माण के लिए शासन निर्णय के मुताबिक भूमि अधिग्रहित करने का काम जिलाधीश कार्यालय के भूसंपादन विभाग को सौंपा गया है. मौजा बडनेरा के 26 भूधारकों की जमीन संपादित करना है और यह जमीन अधिग्रहित करने के लिये संबंधित भूधारकों से सीधी खरीदी की जा रही है. 26 में से 4 भूधारकों ने अपनी जमीन उड़ानपुल के निर्माण के लिये देने मंजूरी दी है. अन्य लोगों को उपजिलाधिकारी (भूसंपादन) और रेल्वे उड़ानपुल प्रकल्प सीधी खरीदी समिति के सदस्यों ने निगोशिएशन के लिये बुधवार 16 नवंबर को बचत भवन में बुलाया था. लेकिन संबंधित भूधारकों ने शासन द्वारा निर्धारित किये गए दर से अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया. इन भूधारकों का कहना था कि सरकार व्दारा उन्हें 580 रुपए स्वे. फूट के हिसाब से मुआवजा लिया जा रहा है. जबकि बाजार भाव वर्तमान में 2100 से 2200 रुपए स्वे. फूट के है. इन भूधारकों का कहना था कि समृद्धि महामार्ग के निर्माण के समय जो दर तय किये गये थे, उसके मुताबिक उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए. जो बाजार मूल्य होगा, उसके हिसाब से वह अपनी जमीन देने तैयार है. लेकिन संबंधित भूधारकों को गुमराह कर उनकी जमीन काफी कम दाम में अधिग्रहित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं. बुधवार को बचत भवन में बुलाई गई बैठक में 22 भूधारकों ने बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की. सभी भूधारक काफी संतप्त दिखाई दिये. उनका कहना था कि जब तक उन्हें बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा नहीं मिलता, तब तक वह अपनी जमीन अधिग्रहित नहीं होने देंगे. समय पड़ा तो वह न्यायालयीन लड़ाई भी लड़ेंगे.
इन 26 भूधारकों को दी गई है नोटिस
ेरेल्वे क्रोसिंग पर निर्माण हो रहे उड़ानपुल के लिये मौजा बडनेरा के कुल 26 भूधारकों को जमीन अधिग्रहित करने की नोटिस दी गई है. उनमें राजेश रमेश उसरे, पवन रमेश उसरे, मनोज सुरेश अग्रवाल, किरण सुरेश अग्रवाल, मुकेश रमेश उसरे, पवन रमेश उसरे, सादुल्लाह खान दिलबर खान, अब्दुल नगमान अब्दुल सलाम, विशाल दशरथ डांबरे, अब्दुल सलीम अब्दुल सलाम, अब्दुल फहीम अब्दुल लतीफ, सैयद वकार अली सैयद, देवेन्द्र सुरेश जोशी, सुरेश रामेश्वर जोशी, कमलादेवी वल्लदास मालानी, मो. जाहेद मो, शहादत मंसूरी, किशोर लक्ष्मण दुधे, देविदास पांडुरंग इखार, सरिता रमेशपंत गाडे, रुक्मिणी रमेश रंगारकर, अनिल घनश्याम छतवानी का समावेश है. इन सभी भूधारकों की जमीन सर्वे नं. 6/1/ब/8,9,10,11, 12, 13, सर्वे नं. 6/5/1, सर्वे नं. 6/1/अ/1, सर्वे नं. 6/2/1, 2, 3, सर्वे नं. 20/1/च, सर्वे नं. 20/1/ब, सर्वे नं. 20/क, घ, ग, ह, सर्वे नं. 21/2/क है.उड़ानपुल के निर्माण …
रुक सकता है निर्माणकार्य
जिन 22 भूधारकों द्वारा बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा न मिलने पर अपनी जमीन देने से इंकार कर दिया है और न्यायालय में जाने की चेतावनी दी गई है, इस कारण उड़ानपुल के काम में दुविधा आने की संभावना है. वर्तमान में उड़ानपुल का निर्माणकार्य काफी तेज गति से चल रहा है. लेकिन संबंधित भूधारक अपनी मांग को लेकर अड़े रहे तो इसमें रुकावट आने की संभावना है.