अमरावतीमहाराष्ट्र

पन्नालाल नगर के नाले में फिर हुआ भूस्खलन

नाले के किनारे रहने वाले लोगों में फैला डर

* मनपा ने शुरु किया बचाव एवं दुरुस्ती कार्य
* नाले के दोनों ओर तुरंत सुरक्षा दीवार बनाने की मांग उठी
अमरावती/दि.13– बीती रात स्थानीय पन्नालाल नगर से होकर बहने वाले नाले के किनारे की मिट्टी ढहकर गिर जाने तथा भूस्खलन होने के चलते नाले के किनारे बने घरों में रहने वाले लोगों में भय की लहर व्याप्त हो गई है और अब नाले में बडी बाढ आने तथा और अधिक भूस्खलन होने पर नाले के किनारे स्थित घरों के ढहकर नाले में गिर जाने का खतरा पैदा हो गया है. जिसे देखते हुए मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे ने तुरंत ही जरुरी उपाय शुरु करने का आदेश जारी किया है. जिसके तहत नाले के किनारे गैबियन बांध बनाते हुए अस्थायी सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है.
बता दें कि, छत्री तालाब से निकलने वाला बडा नाला पन्नालाल नगर से होकर गुजरता है और लालखडी में अंबानाले के साथ मिलता है. करीब 1900 मीटर लंबे इस नाले के दोनों ओर रिहायशी बस्तियां बसी हुई है और नाले के किनारे दोनों ओर घर भी बने हुए है. परंतु कई स्थानों पर नाले के दोनों किनारों पर सिमेंट की मजबूत सुरक्षा दीवार नहीं बनी है. जिसके चलते पानी का बहाव तेज होने पर नाले के किनारे की मिट्टी भरभराकर गिर जाती है. साथ ही नाले में बडे पैमाने पर गाद व कचरा जमा रहने के चलते थोडी सी बारिश होने पर भी नाले में पानी का स्तर बढ जाता है और गाद व कचरे की वजह से पानी का बहाव भी अववृद्ध हो जाता है. जिसके चलते हमेशा ही भूस्खलन होने का खतरा बना रहता है. विगत सोमवार 8 जुलाई को अमरावती शहर में हुई मुसलाधार बारिश के चलते इस नाले में लगभग बाढ ही आ गई थी. जिसके चलते नाले के किनारों की मिट्टी काफी हद तक भुरभुरी व ढीली हो गई थी तथा गुुरुवार 11 जुलाई की रात अचानक ही पन्नालाल नगर परिसर से होकर गुजरने वाले नाले के किनारे की मिट्टी भरभराकर ढहने लगी. जिसके चलते नाले के किनारे रहने वाले पवन बागडी व राजेश्वर सौरासे के घरों के वॉलकम्पाउंड की दीवार भूस्खलन की वजह से ढह गई. इसके साथ ही सोनाली गहलोत, डॉ. चंदू सोजतिया व प्रेमा राठी के घर भी खतरे में आ गये. यह बात ध्यान में आते ही मनपा प्रशासन द्वारा गुरुवार की रात पन्नालाल नगर मार्ग को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया और शुक्रवार की सुबह से बचाव कार्य करना शुरु किया गया. साथ ही इस घटना की जानकारी मिलते ही मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे ने तुरंत ही प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उसके बाद तुरंत ही जेसीबी मशीन लगाकर नाले से गाद, किचड व कचरे को निकालने का काम शुरु किया गया. साथ ही नाले के दोनों ओर लोहे की जाली लगाने हेतु आवश्यक कदम उठाने भी शुरु किये गये, ताकि संभावित भूस्खलन को रोका जा सके.

* सन 1995 की यादें हुई ताजा
विशेष उल्लेखनीय है कि, सन 1995 में भी पन्नालाल नगर से होकर गुजरने वाले नाले के किनारे की मिट्टी धसक गई थी और उस समय नाले किनारे स्थित चांडक परिवार का पूरा घर ही इस भूस्खलन की वजह से ढह गया था. उस समय से ही इस नाले के दोनों किनारों पर मजबूत सुरक्षा दीवार बनाये जाने की मांग उठाई जा रही है और मनपा प्रशासन ने भी आवश्यक उपाय करने की बात कही थी. परंतु इतने वर्षों के दौरान भी मनपा प्रशासन द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाये गये. जिसके चलते गत रोज एक बार फिर पन्नालाल नगर के नाले में भूस्खलन होने की घटना घटित हुई. जिससे सन 1995 की यादे ताजा हो गई. यद्यपि इस बार की घटना में कोई वित्तहानि नहीं हुई है. परंतु आगामी दिनों के दौरान तेज व मूसलाधार बारिश होने पर ऐसी संभावनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता.

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