* जीएसटी एवं महाराष्ट्र वैट पर एक दिवसीय सेमिनार
अमरावती/दि.16 – समय के साथ केंद्र व राज्य सरकार ने जीएसटी के नियमों में बदलाव करना शुरु किया है. उन बदलावों के साथ हर टैक्स प्रैक्टिशनर तथा चार्टट अकाउंटंट को अपडेट रहना जरुरी रहने का प्रतिपादन जीएसटी पी.एम.एन. के अध्यक्ष आलोक मेहता ने किया. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने सभी टैक्स को एक छत के नीचे लाने का निर्णय लेकर एक देश एक टैक्स के तहत जीएसटी लागू किया. तब देश के लिए यह कानून व इसके प्रावधान नये थे. सभी जीएसटी ग्राहकों के लिए उसे अपनाना और अमल करने में काफी परेशानियों का सामना करना पडा है. लेकिन अब जीएसटी के नियमों में बडे बदलाव किये जा रहे है, जिसकी जानकारी सभी को रहनी जरुरी है.
शनिवार को जीएसटी व महाराष्ट्र वैट से संबंधित योजनाओं की जानकारी देने अमरावती टैक्स बार एसोसिएशन नागपुर व जीएसटी प्रैक्टिशनर एसोसिएशन मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जीएसटी पी.ए.एम. के अध्यक्ष आलोक मेहता की अध्यक्षता में आयोजित इस सेमिनार कार्यक्रम का उद्घाटन विदर्भ टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष एड. जगदिश शर्मा, अमरावती टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष एड. राजेश मुंधडा, नागपुर के सीए अशोक चांडक, सीए ललित तांबी, सीए आदित्य खंडेलवाल की प्रमुख उपस्थिति में किया गया.
आलोक मेहता ने आगे कहा कि, जीएसटी कानून में नये-नये प्रावधान किये गये है. जिसके कारण अब जीएसटी की खामियों को दूर करने का प्रयास कर केंद्र सरकार और भी मार्गदर्शकता लाने का प्रयास कर रही है. इस प्रकार के सेमिनार के माध्यम से न केवल टैक्स, ऑडिट के कामकाज से जूडे लोगों को अपडेट होने का मौका मिलता है. बल्कि एक साथ एक मंच पर अपने मन की क्षमताओं का निरसन करने मंच उपलब्ध होता है, इसका सभी ने लाभ लेना चाहिए. वी.टी.पी.ए. के अध्यक्ष सीए जगदिश शर्मा ने ऐसे सेमिनार का आयोजन लोगों को कानूनों की विस्तुत जानकारी देने के साथ ही उनकी समस्याओं का निराकरण करने के लिए किये जाने की बात कही. केंद्र सरकार जीएसटी में नये-नये बदलाव कर रही है. लेकिन हमें इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं रहने से कई बार काम करते समय हमें दिक्कतों का सामना करना पडता है. ऐसी स्थिति में टैक्स प्रैक्टिशनर या चार्टट अकाउंट के साथ उनके क्लाईंट को कानूनी कार्रवाई का सामना न करना पडे, इसका ध्यान हमे ही रखना होगा, जिसके लिए समय के साथ खुदको ढालने की कोशिश ही हमेें आगे बढा सकती है और समस्याओं से निजाद दिलाती है.
सेमिनार के उद्घाटन सत्र का संचालन सीए राजेश चांडक ने किया. सत्र के दुसरे चरण में मुंबई से पधारे सीए आदित्य सुरते ने आईटीसी में किये गये प्रावधानों की जानकारी दी. इसके मुख्य रुप से आईटी के माध्यम से जी-1, जी-2 की बजाय अब एक मार्ग यानि जी-1 के अनुसार जीएसटी टैक्स की प्रक्रिया पूर्ण होगी. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार मानती है, जीएसटी लागू करने के पश्चात किये गये प्रावधानों को सरकार सही रुप से अमल में नहीं ला पायी. जिसका खामियाजा जीएसटी धारकों को भुगतना पडा है. अब सरकार ने सभी तकनीकी प्रक्रियाओं को एक मार्ग क्रमन करते हुए आगे बढाने का निर्णय लिया है. जिससे आने वाले समय में आईटीसी के अंतर्गत ग्राहकों को जीएसटी भरने और रिफंड जैसी सुविधा प्राप्त करने में कम दिक्कतों का सामना करना पड सकता है. मुंबई से पधारे सीए विक्रांत मेहता ने डिपार्टमेंटल ऑडिट और जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय खामियों को किस तरह दूर किया जाए, इस पर प्रकाश डाला. मुंबई से पधारे एड. पार्थ बडेखा ने जीएसटी को लेकर उपस्थितों के मन में रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिये. एड. सीए कल्पेश शाह ने निर्माण क्षेत्र में कार्यरत बिल्डर, प्लॉट धारक, फ्लैट धारक व जीडीए को जीएसटी संबंधित दिक्कतों पर चर्चा की. उन्होंने निर्माण क्षेत्र से जीएसटी का असर और कम परेशानियों में जीएसटी फाईल करने संबंधि विस्तुत जानकारी दी. सीए शैलेंद्र जैन ने महाराष्ट्र वैट अभय योजना से सभी को अवगत कराया. इस अवसर पर सीए ललित तांबी, सीए आदित्य खंडेलवाल, एड. आशिष बजाज, एड. अतिश भंडारी, एड. सुनिल कुशलानी, एड. जगदिश शर्मा, सीए अजित गोकरण, एड. नितीन गौतम, एड. राजेश मुंधडा, सीए प्रवीण अग्रवाल, सीए निलेश लाठिया, सीए राजेश चांडक, सीए जितेंद्र खंडेलवाल, सीए संचिता राठी, एड. अरुण ठाकरे, एड. आर.डी. चांडक, एड. विजय बोथरा, एड. राधेश्याम लढ्ढा, सीए आर.आर. खंडेलवाल, एड. संतोष गुप्ता, सीए विनोद तांबी, एड. अतुल भारतद्बाज, एड. एजाज खान सहित टीबीए के सदस्य बडी संख्या में उपस्थित थे.