अमरावती

अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों की बड़ी भीड़

चुनाव अनिश्चित रहने से उत्साह हुआ कम

  • ऐन मौके पर भाजपा उतरेगी मैदान में

यवतमाल प्रतिनिधि/दि.१७ – अमरावती विभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में विधान परिषद चुनाव पर कोरोना का संक्रमण हावी रहने से चुनाव अनिश्चित नजर आ रहे है. बावजूद इसमें चुनाव के लिए उम्मीदवारों की भीडा़ उमड़ रही है. अनेक संगठनाओं सहित कुछ पार्टी के पुरस्कृत उम्मीदवार चुनाव आयोग की अधिसूचना का इंतजार कर रहे है. लेकिन कोरोना विपदा के चलते स्कूल, महाविद्यालय बंद रहने से चुनाव का उत्साह कम दिखाई दे रहा है. यहां बता दे कि अमरावती व पुणे शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सहित नागपुर मराठवाडा और पुणे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव नियोजित कार्यक्रम के अनुसार जून-जुलाई माह में होनेवाली थी. लेकिन मार्च माह में पूरे देश में कोरोना की एन्ट्री हो गई और धीरे-धीरे पूरे महाराष्ट्र में कोरोना का प्रकोप बढ़ गया.जिसके चलते अधिकांश जगह पर चुनाव को अगली तिथि के लिए टाल दिया गया. इनमें उक्त पांच निर्वाचन क्षेत्रों  का भी समावेश था. मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के विधिमंडल में जाने की राह आसान हो इसके लिए उनके सहित अन्य ८ सीटों के लिए मई माह में विधान परिषद के चुनाव लिए गये.

यह चुनाव होने के बाद शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव आयोग अधिसूचना घोषित करने की अपेक्षाए उम्मीदवारों की थी. लेकिन इस चुनाव को लेकर अब तक कोई भी हलचल होते हुए नहीं दिखाई दे रही है. जिसके चलते निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों और मतदाता शिक्षको का उत्साह कम होते दिख रहा है. हाल की घड़ी में राज्य के ७ मई से केवल दो निर्वाचन क्षेत्र में विधायक प्रत्यक्ष तोैर पर शिक्षक पेशे से जुड़े है. जबकि अन्य विधायक संस्था संचालक, ठेकेदार अथवा व्यवसायों में सक्रिय है. बहुतांश शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र को गैर शिक्षक लोगों द्वारा घेर लिया गया है. किसी भी हालात में शिक्षक उम्मीदवार ही विधायक बनना चाहिए. यही आवाज मतदाताओं में उठ रही है. अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र लगभग ४० हजार मतदाता है. संभाग के अमरावती,अकोला, बुलढाणा,वाशिम, यवतमाल इन पांच जिले में से यवतमाल को छोड़ अन्य चार जिले में अनेक संभावित उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है. उनमें से अमरावती जिले में उम्मीदवारों की सर्वाधिक संख्या है.

निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान विधायक तथा शिक्षक आघाडी के संंस्थापक शिवसेना पुरस्ेकृत श्रीकांत देशपांडे, पूर्व विधायक वसंंत खोटरे के पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के विकास सावरकर, विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रा.प्रकाश कालबांडे, शिक्षक संघर्ष संगठन के प्रमुख संगीता शिंदे, महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के राजकुमार बोनकिले, विधायक कपिल पाटिल के शिक्षक भारती की ओर से दिलीप निंभोरकर, शिक्षक महासंघ के शेखर भोयर, अमरावती विभागीय शिक्षा संघ के किरण सरनाईक विज्युटा के अविनाश बोंडे के अलावा हरिशचंद्र हिंगे, कांग्रेस पुरस्कृत प्रा. निलेश गावंडे का नाम निश्चित किया गया है. इनमें यवतमाल जिले का एक भी उम्मीदवार नहीं है. इससे पहले यवतमाल के शिक्षक दिवाकर पांडे ने अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का विधान परिषद ने प्रतिनिधित्व किया है. लेकिन इस वर्ष पूना में एक भी शिक्षक संगठन अथवा पार्टी को यवतमाल का उम्मीदवार देने में संकोच तो नहीं हुआ है. यह सवाल शिक्षको ने जेहन में उठ रहे है.

यवतमाल के सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक डॉ. नितिन खर्चे को भाजपा पुरस्कृत उम्मीदवारी मिलने से वे मध्य के दौर में भाजपा शिक्षक सेल का काम शुरू किया था. भाजपा की ओर से उनके नाम पर लगभग मुहर लगाने पर उन्होंने चुनाव की तैयारियां शुरू की. लेकिन इसी दौरान शिक्षक परिषद ने राजकुमार बोनकिले को उम्मीदवारी घोषित करने से दुविधा बढ़ गई है, ऐसे में संभावना यह भी बताई जा रही है कि भाजपा प्रत्यक्ष मैदान में ही एन्ट्री मार सकती है.

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