* जंगल में लगाया गया पिंजरा
चिखलदरा/दि.6-बाघ के हमले में मृतक हरिराम धिकार पर सोमवार की दोपहर 4 बजे केसरपुर में अंतिम संस्कार किया गया. इस समय सैकडों आदिवासी उपस्थित थे. बाघ को पकडने के लिए जंगल में पिंजरा लगाया गया है तथा इसके लिए एनटीसी से अनुमति मांगी गई है.
अपने पिता और चाचा के साथ बांसे लाने के लिए रविवार की सुबह जंगल में गए हरिराम गंगाराम धिकार (32, केसरपुर) पर बाघ ने हमला किया. दोपहर को घटना उजागर होते ही आदिवासी आक्रामक हुए थे. बाघ का बंदोबस्त करने के बाद ही हरिराम का अंतिम संस्कार करेंगे, ऐसी भूमिका ग्रामवासियों ने ली थी. इसके बाद दोपहर 12 बजे धारणी उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम और शाम 4 बजे अंतिम संस्कार किया गया. गुगामल वन्यजीव विभाग अंतर्गत हरिसाल परिक्षेत्र के माताखोल जंगल में पिछले साल भी एक आदिवासी की बाघ के हमले में मौत हुई थी.
* थानेदार की भूमिका महत्वपूर्ण रही
हरिसाल, चिखली, कारा, नांदुरी, केसरपुर, भिरोजा, चित्री, तारूबांदा परिसर के नागरिक संतप्त हुए थे. बाघ को मारने की मांग कर रहे थे. इस दौरान धारणी के थानेदार अशोक जाधव ने संयत भूमिका लेकर आदिवासियों को समझाया. जिसके बाद हरिराम का अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण वातावरण में हुआ.
* 25 लाख की मदद
वन्यजीवों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए की मदद देने का सरकारी नियम है. इसके अनुसार हरिराम के परिवार को पहले चरण का पांच लाख रुपए का धनादेश दिया जाएगा.
बाघ को पकडने के लिए आवश्यक अनुमति मांगी गई है. पिंजरा भी लगाया है. मृतक के परिजनों को पहले चरण का पांच लाख रुपए का धनादेश दिया जा रहा है.
-गिरीश जतकर, वन परिक्षेत्र अधिकारी,
हरिसाल