गत वर्ष 1,119 गोवंश को मिला जीवनदान
मनपा, पशु संवर्धन विभाग एवं शहर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
अमरावती प्रतिनिधि/दि.९ – इन दिनों अमरावती शहर की पहचान बडी तेजी से मांस निर्यातक क्षेत्र के तौर पर बनती जा रही है. अमरावती शहर से बडे पैमाने पर अन्य राज्यों व महानगरों में गोवंशवाले जानवरों का मास अवैध रूप से निर्यात किया जाता है. जिसके खिलाफ मनपा के पशु संवर्धन विभाग द्वारा शहर पुलिस की सहायता से लगातार कार्रवाईयां की जाती है. बीते एक वर्ष के दौरान ऐसी कार्रवाईयों में 1 हजार 119 गौवंश जानवरों को जीवनदान दिया जा सका. जिसके तहत शहर में कटाई हेतु लाये जानेवाले जानवरोें सहित जगह-जगह बने अवैध कसाईखानों पर कार्रवाई करते हुए वहां लाये गये गोवंश जानवरों को छुडाया गया.
जानकारी के मुताबिक गत वर्ष 1 जनवरी से 21 दिसंबर की कालावधि के दौरान कुल 123 छोटी-बडी कार्रवाईयां की गई है. गौवंश प्रतिबंधात्मक कानून के तहत की गई तीन बडी कार्रवाईयों में ही 527 गोवंश जानवरों को सुरक्षित बचाया गया. वहीं अन्य कई छोटी कार्रवाईयोें में 492 गोवंश जानवर छुडाये गये. इसी तरह गत वर्ष कई विक्रेताओं के पास से 7 टन प्रतिबंधित गोमांस जप्त किया गया. साथ ही वाहनों में लादकर शहर से बाहर भेजे जा रहे 23 टन गोमांस को जप्त करने की कार्रवाई भी शहर पुलिस द्वारा की गई है.
अमरावती शहर में गोवंश हत्या रोकने हेतु मनपा द्वारा कसाईखाना अधिनियम को बेहद कठोरता के साथ लागू करने पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. इस हेतु तमाम जरूरी नियोजन भी किये जा रहे है. नये साल में लालखडी परिसर में एक अधिकृत कसाई घर शुरू किया जायेगा, तथा शहर में अन्य स्थानों पर चलनेवाले सभी गैरकानूनी कसाईखानों को बंद करवाया जायेगा. इस संदर्भ में मनपा के पशुशल्य चिकित्सक कार्यालय द्वारा कहा गया है कि, शहर में अवैध तरीके से चलनेवाले कसाईखानों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कडी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
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गत वर्ष की तुलना में इस बार ज्यादा गोवंश रक्षण
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए मनपा के पशु शल्य चिकित्सक डॉ. सचिन बोंद्रे ने बताया कि, वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 के दौरान कहीं अधिक संख्या में गोवंश जानवरों की जान बचायी गयी. मनपा प्रशासन तथा पुलिस में यदि ऐसे ही बेहतरीन तालमेल रहता है, तो आगे भी इसी तरह से शानदार काम किया जायेगा.