अमरावतीमहाराष्ट्र

गत वर्ष जिले में सर्पदंश से 18 मौतें

12 माह में 2129 को हुआ सर्पदंश

* सर्पदंश के सर्वाधिक शिकार हुए इर्विन अस्पताल में भर्ती
अमरावती/दि.1– बारिश के मौसम दौरान सर्पदंश की घटनाओं में अच्छी खासी वृद्धि हो जाती है. इसके अलावा भी पूरे सालभर के दौरान कही न कही सर्पदंश की घटनाएं घटित होती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले में वर्ष 2024 में जनवरी से दिसंबर माह के दौरान 12 माह की कालावधि में सर्पदंश की 2129 घटनाएं घटित हुई. जिसमें सर्पदंश का शिकार 18 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई.
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिले में रोजाना सर्पदंश की औसतन 6 घटनाएं घटित होती है. जिसमें सर्वाधिक प्रमाण ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले सर्पदंश का होता है. लेकिन सर्वाधिक मरीजों का इलाज अमरावती शहर स्थित जिला सामान्य अस्पताल में किया जाता है. जारी वर्ष के दौरान भी जिले में सर्पदंश का शिकार हुए 2129 लोगों में से 1160 लोगों को इलाज हेतु जिला सामान्य अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों रबी की फसलों का सीजन चल रहा है और ग्रामीण क्षेत्र के लोगबाग अपने खेतों में बुआई-सिंचाई का काम करते है. जहां पर अक्सर ही सर्पदंश की घटनाएं घटित होती है. यहीं स्थिति बारिश के मौसम दौरान खरीफ सीजन के समय भी होती है. सर्पदंश का शिकार होने वाले व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सेवा मिलना बेहद जरुरी होता है. इसके चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों में भी सर्पदंश पर इलाज हेतु आवश्यक रहने वाली सभी दवाओं की आपूर्ति की जाती है. हालांकि इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की सुविधा उपलब्ध रहने पर भी वहां के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को बिना इलाज किये ही ग्रामीण अस्पताल या जिला सामान्य अस्पताल में रेफर किया जाता है. ऐसे में इलाज में होने वाले विलंब के चलते प्रकृति गंभीर होकर कई बार मरीजों की जान चली जाती है. विगत जनवरी से नवंबर माह के दौरान सर्पदंश का शिकार हुए 2129 लोगों में से 18 लोगों को अपनी जान गवानी पडी है. जिसमें से सर्वाधिक 15 लोगों की मौते इर्विन अस्पताल में इलाज के दौरान होने की बात सामने आयी है.

* 563 को बिच्छु काटा
सर्पदंश के साथ ही जिले में बिच्छु के डंक का शिकार होने वाले लोगों की संख्या भी अच्छी खासी रहती है. विगत 11 माह के दौरान जिले में 563 लोग बिच्छु डंक का शिकार हुए. हालांकि समय पर इलाज मिल जाने के चलते बिच्छु डंक की वजह से किसी की भी मौत नहीं हुई. बिच्छु डंक का शिकार सर्वाधिक 154 मरीज भातकुली के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किराये गये, वहीं तिवसा के उपजिला अस्पताल में 131, चुरणी के ग्रामीण अस्पताल में 79 तथा नांदगांव खंडेश्वर ग्रामीण अस्पताल में बिच्छु डंक के 76 मरीज पहुंचे.

* गत वर्ष की तुलना में 10 मौतें अधिक
विशेष उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2023 में जनवरी से दिसंबर माह के दौरान जिले में 2080 लोगों को सर्पदंश हुआ था. जिसमें से 8 लोगों की मौत हुई थी. परंतु वर्ष 2024 में जनवरी से दिसंबर माह की कालावधि दौरान 2129 नागरिक सर्पदंश का शिकार हुए. जिसमें से 18 लोगों की मौत हुई. यानि वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में सर्पदंश के चलते 10 मौतें अधिक हुई है.

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