गत वर्ष आरपीएफ ने बचायी 44 रेल यात्रियों की जान
मध्यरेल्वे का मिशन जीवन रक्षक अभियान रहा सफल
अमरावती /दि.1– रेल्वे की संपत्तियों की रक्षा करने के काम में रेल्वे सुरक्षा बल यानि आरपीएफ के कर्मचारी 24 घंटे जागरुक रहकर अपने कर्तव्यों को पूरा करते है. वहीं गत वर्ष अप्रै से नवंबर माह के दौरान आरपीएफ के जवानों ने अपनी जान को खतरे में डालकर 44 रेलयात्रियों की जान बचायी.
उल्लेखनीय है कि, मध्यरेल्वे आरपीएफ के जवान मिशन जीवन रक्षक मुहिम के तहत यात्रियों की सहायता के लिए तुरंत दौडकर पहुंचते है. इस अभियान के तहत आरपीएफ ने जितनी भी बार यात्रियों की जान बचाने का काम किया, उन घटनाओं के दृश्य अखबारों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ ही विविध सोशल मीडिया साइट्स के जरिये बेहद लोकप्रिय हुए और आरपीएफ को जबर्दस्त सराहना मिली. इन 44 घटनाओं में से अकेले मुंबई विभाग में ही यात्रियों की जान बचाने की 21 घटनाएं घटित हुई. इसके अलावा भुसावल विभाग में 15, पुणे विभाग में 4 तथा नागपुर व सोलापुर विभाग में 2-2 घटनाएं घटित हुई. जिनमें मौत के मुहाने तक पहुंच चुके रेल यात्रियों की जान को आरपीएफ के जवानों ने अपनी जान खतरे में डालकर बचाया.
* रेल्वे के टाइम टेबल को ध्यान में राखकर यात्रियों ने अपनी ट्रेन के समय से पहले ही रेल्वे स्टेशन पर पहुंचने का प्रयास करना चाहिए. साथ ही चलती ट्रेन में चढने या उतरने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं करना चाहिए. चूंकि ऐसा करना खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है.
– शिवाजी मानसपुरे,
जनसंपर्क अधिकारी,
भुसावल विभाग, मध्य रेल.