अमरावती

विदर्भ में खरीफ फसलों की अंतिम आणेवारी 50 पैसे से कम

अकाल सदृश्य स्थिति पर लगी सरकारी मूहर

  • किसानोें को सरकारी सहायता मिलने का रास्ता खुला

अमरावती/दि.1 – खरीफ सीझनवाली फसलों की अंतिम पैसेवारी घोषित हो गयी है, जो विदर्भ क्षेत्र के अधिकांश जिलों में 50 पैसे से कम है. ऐसे में खरीफ मौसम के दौरान विदर्भ में अकाल रहने की बात पर अंतिम मूहर लग गयी है. जिससे अब किसानोें को अधिकृत तौर पर सरकारी सहायता मिलने का रास्ता खुल गया है.
बता दें कि, विदर्भ क्षेत्र में इस बार अतिवृष्टि व बेमौसम बारिश की वजह से किसानों का काफी बडा नुकसान हुआ है और फसलों का उत्पादन भी घटा है. बीते वर्ष में कोरोना के साथ ही कई नैसर्गिक संकट भी मंडराते रहे. ऐसे में अब सभी किसान कामना कर रहे है कि, कम से कम नया साल कुछ अच्छा जाये. खरीफ सीझन के फसलों की अंतिम पैसेवारी किसानों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होती है. यदि यह आणेवारी 50 पैसे से कम रहती है, तो अकाल सदृश्य स्थिति घोषित होकर किसानोें को सरकार की ओर से विभिन्न सहूलियतें व छूट मिलती है. जिसके तहत भुमि राजस्व में छूट देने, किसानों से कर्ज वसूली की सख्ति नहीं करने, सहकारी कर्जों का पुनर्गठन करने, नरेगा के कामों को प्राधान्य देने तथा किसानों के पाल्यों हेतु शैक्षणिक व परीक्षा शुल्क माफ करने आदि का समावेश रहता है. इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले में 46 पैसे, अकोला जिले में 47 पैसे, बुलडाणा जिलें में 46 पैसे, वाशिम जिले में 49 पैसे, यवतमाल जिले में 46 पैसे, भंडारा जिले में 50 पैसे, गोंदिया जिले में 79 पैसे, गडचिरोली जिले में 63 पैसे, चंद्रपुर जिले में 48 पैसे तथा वर्धा जिले में 50 पैसे की आणेवारी खरीफ फसलों के लिए घोषित की गई है. इस लिहाज से समूचे विदर्भ क्षेत्र की औसत आणेवारी 50 पैसे से कम है. ऐसे में इस रिपोर्ट के आधार पर विदर्भ क्षेत्र के अधिकांश किसान सरकारी राहत व सहूलियत हेतु पात्र हो गये है. जिसे किसानों के लिए दिलासादायक माना जा रहा है. साथ ही किसानों में अब इस बात को लेकर उम्मीद दिखाई दे रही है कि, उन्हें जल्द ही सरकार की ओर आवश्यक सहायता प्राप्त होगी.

जिलानिहाय आणेवारी

अमरावती – 46 पैसे
अकोला – 47 पैसे
बुलडाणा – 46 पैसे
वाशिम – 49 पैसे
यवतमाल – 46 पैसे
भंडारा – 50 पैसे
गोंदिया – 79 पैसे
गडचिरोली – 63 पैसे
चंद्रपुर – 48 पैसे
वर्धा – 50 पैसे

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