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अमरावती के विकास में लता दीदी का भी योगदान

परकोट के सौंदर्यीकरण हेतु अपनी सांसद निधी से दी थी 20 लाख रूपयों की निधी

* तत्कालीन पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने किया यादों को ताजा
अमरावती/दि.7– अपनी स्वरसाधना और सुमधूर आवाज से करीब चार पीढियों के भावविश्व को समृध्द करनेवाली गानकोकिला स्वरसाम्राज्ञी भारतरत्न लता मंगेशकर का गत रोज 93 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के पश्चात इलाज के दौरान निधन हो गया. जिसके चलते देश सहित दुनिया संगीता प्रेमियों में दु:ख व शोक की लहर व्याप्त है. किंतु बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि, कला साधना के लिए विख्यात लता दीदी समाज के विकास और विधायक कार्यों के लिए भी बेहद सकारात्मक रवैया रखती थी और जरूरत पडने पर अपनी ओर से यथासंभव सहायता भी प्रदान करती थी. इसके तहत उन्होंने किसी समय अमरावती शहर के विकास हेतु भी करीब 20 लाख रूपये की सहायता प्रदान की थी और उनके द्वारा उपलब्ध करायी गई निधी से अमरावती में स्थित ऐतिहासिक परकोट के संवर्धन व सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा किया गया था.
इस विषय को लेकर पुरानी यादों को ताजा करते हुए राज्य के तत्कालीन वित्त व नियोजन राज्यमंत्री तथा अमरावती के पूर्व जिला पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने बताया कि, भारतरत्न लता मंगेशकर वर्ष 1999 से वर्ष 2005 तक राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त राज्यसभा सदस्य थी और उनका कार्यकाल नवंबर 2005 में समाप्त होनेवाला था. किंतु लता दीदी की सांसद निधी में 9.45 करोड रूपये की निधी अखर्चित थी. यदि इसका विनियोग नहीं हुआ होता, तो निश्चित रूप से यह निधी सरकारी तिजोरी में वापिस चली जाती. यह बात ध्यान में आते ही उन्होंने तुरंत लता दीदी को पत्र लिखकर मुलाकात हेतु समय मांगा. किंतु लता दीदी का शेड्यूल काफी व्यस्त रहने के चलते यह मुलाकात नहीं हो पायी. जिसके बाद डॉ. सुनील देशमुख ने 22 अगस्त 2005 को एक पत्र लिखकर अमरावती शहर का वैभव रहनेवाले तथा निजामकालीन परकोट के संवर्धन हेतु 25 लाख रूपये की निधी मंजूर करने का निवेदन भारतरत्न लता मंगेशकर के समक्ष प्रस्तुत किया. जिसे स्वीकार करते हुए खुद गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर ने उस पर हस्ताक्षर कर डॉ. सुनील देशमुख को पत्र मिलने की सूचना दी. साथ ही इस निवेदन को सकारात्मक ढंग से लेते हुए अपनी सांसद निधी से तत्काल ही 20 लाख रूपये की निधी भी मंजूर की और लता दीदी द्वारा उपलब्ध करायी गई इस निधी का उपयोग करते हुए अमरावती शहर की ऐतिहासिक विरासत रहनेवाले निजामकालीन परकोट का कायाकल्प किया गया. जिससे अमरावती शहर के सौंदर्य में चार चांद लग गये.
इस ऐतिहासिक पुरातन परकोट के संवर्धन का काम पूरा हो जाने के बाद डॉ. सुनील देशमुख ने परकोट के पुराने व नये छायाचित्रों के साथ काम पूरा हो जाने की सचित्र जानकारी लता दीदी को भेजते हुए उनके प्रति आभार ज्ञापित किया था.
गत रोज भारतरत्न लता मंगेशकर का देहावसान हो जाने के बाद पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने लता दीदी के साथ जुडी इस याद को ताजा करते हुए कहा कि, आज अमरावती शहर में पुरातन परकोट की जो सुंदरता दिखाई दे रही है. वह एक तरह से लता दीदी की ही निशानी है और अमरावती शहर के विकास में लता दीदी द्वारा दिये गये इस योगदान को शहरवासी हमेशा याद रखेंगे.

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