अमरावती/दि.22 – वैट रिटर्न पर लेट फी न लगायी जाए ऐसी मांग राज्य सरकार से महानगर चेम्बर द्बारा की गई. चेम्बर द्बारा बताया गया है कि जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया गया है. उस समय सभी टैक्सेबल वस्तुओं का जीएसटी में समावेश किया गया था. किंतु पेट्राल, डीजल, इलेक्ट्रिसीटी एवं शराब को राज्यसरकार ने वैट के दायरे में ही रखा था. पेट्रोल,डीजल एवं शराब पर लगने वाला वैट उनकी उत्पादक कंपनियों द्बारा भरे जाने पर ही बिक्री हेतु बाहर आता है इसलिए पेट्रोल एवं शराब पर किसी प्रकार की वैट की देनदारी नहीं आती है, और उनके रिटर्न नील के होते अमरावती चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रिज पिछले दिनो नील के रिटर्न भरने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह समस्या विधायक सुलभा खोडके एवं एनसीपी नेता संजय खोडके के समक्ष रखी थी. तब उनके प्रयासों से समूचे महाराष्ट्र के सिर्फ पेट्रोल डीलर को आगे के नील के रिटर्न भरने की छूट मिली थी.
2017 से वैट के रिटर्न प्रति माह या तिमाही भरने होने होते है उसमें जीएसटी के रिटर्न का भी समावेश है. चूंकि पेट्रोल एवं शराब डीलर पर किसी प्रकार का वैट का बोझ नहीं आ रहा एवं सभी रिटर्न यह नील के रह रहे है. फिर भी रुपए 5 हजार प्रति लीटर लेट फी के नाम पर राज्य सरकार वसूल कर रही है. वास्तविकता यह है कि कोविड के चलते चार महीने कडक लॉकडाउन लगाया गया था. पोर्टल की भी समस्याएं थी इन सभी परिस्थितियों को नजरअंदाज क्यों नहीं किया जा सकता समुची परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार गंभीरता से विचार करें और वैट रिटर्न पर लेट फी न लगाए ऐसी मांग चेम्ब्र ऑॅफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रिज द्बारा राज्य सरकार से की गई है. इस अवसर पर विनोद कंलत्री, चेम्बर के टैक्स कमेटी चेअरमेन एड. जगदीश शर्मा, अमरावती पेट्रोल-डीजल एसो. के अध्यक्ष एवं जेष्ठ चेम्बर सदस्य नेरेंद्र मेहता, सचिव सौरभ जगताप, पूर्व महापौर एवं पेट्रोल डीलर अविनाश मार्डिकर, संजय जगताप, विपिन कट्यारमल, सीए आर.आर. खंडलेवाल, मनीष करवा, आदित्य खंडेलवाल, सुनील अग्रवाल, जयकांत अग्रवाल उपस्थित थे.