अमरावती

अमरावती के ऐतिहासिक विकास में स्व. डॉ. शेखावत का महत्वपूर्ण योगदान

संतोष देशमुख का कथन, कृषि विज्ञान केंद्र दुर्गापुर में आदरांजलि अर्पित

अमरावती /दि. २५- अमरावती के ऐतिहासिक विकास में स्व. डॉ. देवीसिंह शेखावत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. अमरावती मनपा, अपरवर्धा प्रकल्प, संगाबा अमरावती विद्यापीठ के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. ऐसा क्रियाशील व्यक्तित्व आज हमारे बीच से चले जाने के कारण हमारी अपूरणीय क्षति हुई है, इस आशय कथन कृषि विज्ञान केंद्र दुर्गापुर के कार्यालय अधीक्षक संतोष देशमुख ने व्यक्त किये. कृषि विज्ञान केंद्र दुर्गापुर में डॉ. देवीसिंह शेखावत की स्मृति को आदरांजलि अर्पित करते समय बोल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि, चंद्रपुर खल्लार जैसे एक छोटे गांव में किसान परिवार में जन्म लेकर अपनी जिद और द़ृढता के बल पर सफलता के उत्तुंग शिखरों पर आसीन होनेवाले अमरावती के प्रथम महापौर, भूतपूर्व विधायक, संगाबा अमरावती विद्यापीठ के भूतपूर्व कुलगुरु, विद्याभारती शैक्षणिक मंडल के संस्थापक, कृषि विज्ञान केंद्र दुर्गापुर प्रकल्प संचालक, पूर्व विधायक रावसाहब शेखावत के पिता और भारत की पहली महिला राष्ट्रपति महामहिम प्रतिभाताई पाटिल के पति डॉ. देवीसिंह शेखावत का शुक्रवार, २४ फरवरी को सुबह ९.३० बजे दुखद निधन हो गया. उनके जाने से अमरावती का एक अजात शत्रु व्यक्तित्व खो गया. डॉ. शेखावत का जन्म १९ अप्रैल १९३४ में हुआ था तथा मृत्यु के समय वे ८९ वर्ष के थे. हर क्षेत्र में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है. आदरांजलि कार्यक्रम में सभी उपस्थितों ने दो मिनट मौन रखकर डॉ. देवीसिंग शेखावत को आदरांजलि अर्पित की. इस समय कृषि विज्ञान केंद्र दुर्गापुर के राहुल घोगरे, आकाश धरमकर, सुरेश वैद्य, संजय घरडे, अविनाश राऊत, सचिन पिंजरकर, वैभव मंडपे, उमेश रंगे, विनायक जिराफे, ज्ञानेश्वर जिराफे, डॉ. विशाखा पोहरे, प्रणाली देशमुख, अश्विनी रंगे, अंकिता पंडित, अनुसया बाई मोरे आदि सहित यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ के विद्यार्थी भी बडी संख्या में उपस्थित थे.

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