देर रात कुशल खत्री के पार्थिव पर अमरावती में अंतिम संस्कार
ट्रेन से लापता दस्तुर नगर के युवक की लाश मिली
* विरुल-विहिरगांव के बीच रेलपटरी के समीप झाडियों में पडी थी
* पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया था
* रात में सफर के दौरान बोगी के गेट से निंद के झोंके में गिरने का अनुमान
अमरावती/ दि.8 – अमरावती के दस्तुर नगर परिसर में रहने वाले 32 वर्षीय कुशल खत्री व उनकी पत्नी खुशबू 3 अगस्त को सिकंदराबाद एक्सप्रेस से हैद्राबाद से बडनेरा का सफर कर रहे थे. इस दौरान देर रात के समय कुशल अचानक रेलगाडी से लापता हो गया. कल चार दिन बाद चंद्रपुर जिले के विहिरगांव के पास रेलपटरी के समीप जंगली झाडियों में कुशल की लाश मिली. चार दिन पुरानी लाश होने के कारण पोस्टमार्टम के लिए घटनास्थल पर फॉरेंसिंक टीम को बुलाया गया था. परिजन रात के समय कुशल की लाश लेकर अमरावती पहुंचे. काफी पुरानी लाश होने के कारण रात के ही समय हिंदु स्मशान भूमि में कुशल के पार्थिव पर अंत्यसंस्कार किया गया, ऐसी जानकारी पूर्व पार्षद ऋषि खत्री ने दी.
बता दें कि, कुशल खत्री व उनकी पत्नी खुशबू सिकंदराबाद एक्सप्रेस से बडनेरा के लिए सफर कर रहे थे. करीब 6 बजे विरुर रेलवे स्टेशन गुजरने के बाद कुशल की पत्नी नींद से उठी तो कुशल अपनी सीट पर नहीं दिखाई दिया. उनका लैपटॉप उसी बर्थ पर पडा था. काफी देर इंतजार करने के बाद बल्लारपुर रेलवे पुलिस को इसकी सूचना दी गई. साथ ही विरुल पुलिस थाने में भी सूचित किया गया. विरुर पुलिस ने विरुर पुलिस थाना और विहिरगांव पुलिस थाना क्षेत्र के बीच पूरी रेलपटरी छान मारी, मगर कुशल का कई पता नहीं चला.
कल रविवार की सुबह रेल कर्मचारी विहिरगांव रेलवे स्टेशन के पाास काम कर रहे थे. तभी रेलवे ट्रैक के पास झाडियों में उन्हें लाश दिखाई दी. तब इसकी सूचना पुलिस को दी गई. यह जानकारी मिलते ही विरुर के थानेदार राहुल चव्हाण अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे. घटनास्थल का जायजा लेने पर पता चला कि, वह लाश लापता कुशल खत्री की है. उसके बाद काफी पुरानी लाश होने के कारण फॉरेसिंक टीम को बुलाकार पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा करते हुए लाश पोस्टमार्टम के लिए राजुरा रवाना की. इसकी सूचना मिलते ही अमरावती से कुशल के परिजन भी विहिरगांव के राजूरा पहुंचे. बताया जाता है कि, कुशल का अंतिम मोबाइल लोकेशन जिस जगह बताया जा रहा था, उससे कुछ ही मीटर दूरी पर कुशल की लाश जंगली झाडियों में पडी थी. पुलिस का अनुमान है कि, नींद के झोंके में कुशल रेलगाडी की बोगी से नीचे गिरा होगा. जिसके चलते उसकी मौत हो गई. झाडियों में लाश फंसी होेने की वजह से किसी को लाश नहीं दिखाई दी थी.
अनुमति लेकर रात 2 बजे किया अंतिम संस्कार
रात के समय काफी तेज बारिश थी. ऐसे में रात 1.30 बजे कुशल खत्री की लाश लेकर परिजन अमरावती पहुंचे. लाश रातभर रखने की स्थिति नहीं होने के कारण देर रात के समय अंतिम संस्कार करने की अनुमति जिलाधिकारी से मांगी गई. स्थिति को भांपते हुए जिलाधिकारी व हिंदु स्मशान भूमि के अध्यक्ष आर.बी. अटल ने रात के समय अंतिम संस्कार करने की अनुमति दी. तब शोकाकुल माहौल में कुशल खत्री के पार्थिव पर रात 2 बजे अंत्यविधि पूरी की गई.
लाश बुरी तरह से खराब हो चुकी थी
विहिरगांव रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर जंगली झाडियों में कुशल की लाश मिली. परंतु चार दिन पुरानी लाश होने के कारण व रेलगाडी से पहले लोहे के खंभे से टकराकर झाडियों में लाश गिरने के कारण बुरी तरह घायल भी था. लाश डी कंपोस्ट होने से चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था. उपर की खाल भी खराब हो चुकी थी, परंतु लाश के शरीर पर पहने हुए कपडे, वहीं पास में पडी हुई चप्पल, हाथ की कलाई में बंधा वहीं धागा और जेब में रखा मोबाइल यह सारे सबूत कुशल खत्री की लाश होने की ओर इशारा कर रहे थे. परंतु लाश डी कंपोस्ट होने के कारण एक प्रतिशत संदेह दूर करने की दृष्टी से फॉरेंसिक लैब के टेक्निशयन की टीम को पोस्टमार्टम के दौरान राजुरा बुलाया गया था.
चाय कैंटीन वाले ने किया गुमराह
विहिरगांव रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर एक चाय कैटींन की दुकान है. 3 अगस्त की घटना के बाद पुलिस का दल व कुशल खत्री के परिजन तलाश में विहिरगांव परिसर की खाक छान रहे थे. इस दौरान उस चाय कैंटीन के संचालक ने उन्हें बताया कि, कुशल खत्री जैसे दिखने वाला एक व्यक्ति अन्य किसी एक व्यक्ति के साथ उनकी चाय की कैंटीन पर चाय पीने के लिए आया था. चाय कैंटीन वाले ने जब यह बात बताई तब कुशल की तलाश का नजरियां सभी का बदल गया. पुलिस उस दिशा में खोज करने लगी. जबकि कुशल की तरह दिखने वाला शायद कोई व्यक्ति था. अगर चाय कैंटीन वाला इस तरह गुमराह नहीं करता तो, शायद कुशल की लाश डी कंपोस्ट होने से पहले ही मिल सकती थी, ऐसा अनुमान व्यक्त किया गया है.
सांसद नवनीत राणा ने गृहमंत्री शाह को पत्र भेजा
कुशल का कही पता नहीं चल पा रहा था, इसपर हताश हुई पत्नी ने सांसद नवनीत राणा से सहायता की गुहार लगाई. इसपर मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद नवनीत राणा ने संबंधित उच्च अधिकारियों को छानबिन करने के निर्देश देने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेजा था, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है.