तीर्थस्वरुप प्याऊ का हुआ शुभारंभ
गुढीपाडवा पर्व के निमित्त जलवितरण सेवा हुई शुरु
* मुख्य बस स्थानक पर सुश्री अलकाश्रीजी ने किया उद्घाटन
* संत सीतारामदास बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट का उपक्रम
* लगातार 33 वर्षों से स्थापित की जा रही है पाणपोई
अमरावती/ दि.2– स्थानीय मुख्य बस स्थानक पर प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल के दौरान महान तपस्वी 1008 संतश्री सीतारामदासजी बाबा चेैरिटेबल ट्रस्ट व्दारा नि:शुल्क जल वितरण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पाणपोई लगाई जाती है. विगत 33 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के तहत इस वर्ष भी बस स्थानक परिसर में प्याऊ शुरु किया गया है. जिसका उद्घाटन आज शनिवार, 2 अप्रैल गुढीपाडवा पर्व के निमित्त सुश्री अलकाश्रीजी के हाथों किया गया. शनिवार की सुबह 10.30 बजे इस पाणपोई के शुभारंभ अवसर पर शहर के अनेकों गणमान्य बडी संख्या में उपस्थित थे.
बता दें कि, स्थानीय मध्यवर्ती बस स्थानक से जिले के दुरदराज क्षेत्रों सहित विभिन्न जिलों के भी बसों का आना-जाना चलता है. इनके जरिये रोजाना हजारों लोग यात्रा करते हैं. भीषण गर्मी के मौसम में इन सभी यात्रियों का प्यास के मारे बुरा हाल हो जाता है. विशेष उल्लेखनीय है कि गर्मी के मौसम दौरान लोग-बाग शादी ब्याह के कार्यक्रमों में शामिल होने हेतु अपने परिवार सहित यात्रा करते है और परिवारों में कई बार छोटे बच्चों का भी समावेश रहता है. ऐसे में यात्रा के दौरान लोगों को बस से उतरकर पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पडता है और खासी तकलिफों का सामना भी करना पडता है. इन तमाम बातों के मद्देनजर गर्मी के मौसम दौरान यात्रियों की प्यास बुझाने हेतु संत सीतारामदासजी बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट व्दारा 33 वर्ष पूर्व स्थानीय मध्यवर्ती बस स्थानक पर पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्याऊ केंद्र शुरु किया गया और यह जलसेवा विगत 33 वर्षों अनवरत जारी है. विशेष यह भी है कि, ट्रस्ट व्दारा इस पाणपोई में कई स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जाती है. जिनके जरिये प्याऊ केंद्र पर आने वाले लोगों को पानी पिलाने के साथ-साथ बस स्थानक पर लगने वाली बसों में भी साफ-सुथरा और ठंडा जल गिलासों में भरकर ले जाते हुए यात्रियों में वितरित किया जाता है.
इस पाणपोई के उद्घाटन अवसर पर सर्वश्री डॉ. देविदास कढाणे, मधुसुदन करवा, घनश्यामदास हरवानी, अशोक नंदलालजी राठी, हनुमानदास मानका, जयप्रकाश मंत्री, अशोक मंत्री, विनय चांडक, प्रवीण जाजू, ओमप्रकाश चांडक, अविनाश देशमुख, प्रदीप घोंगडे, भगवानदास जाजू, पुरुषोत्तम मुंधडा, केशरीमल झंवर, बिहारीबाबू बूब, कमलकिशोर मालानी, रामेश्वर गग्गड, रमेशकुमार सारडा, प्रदीप पनपालिया, श्रीगोपाल लढ्ढा (साउर), रमेश वजीर, नितीन सारडा, विजय लोहिया, दामोधर बजाज, पुरुषोत्तम राठी, जगदीश चांडक, नितीन चांडक, नितेश कलंत्री, प्रकाश पनपालिया, ज्ञानेश्वर गणोरकर, कमलकिशोर गट्टाणी, पल्लव टवलानी, सीताराम लोहिया, सागर वानखडे, अंकुश मंत्री, हरगोविंद मंत्री, डॉ. राजेंद्र करवा, घनश्याम लढ्ढा (गणोजा), महेंद्र भुतडा, कैलाश ककरानी, संजय खेडकर आदि सहित अनेकों गणमान्य उपस्थित थे.