इन्साफ के लिए नि:शुल्क मिलते हैं वकील
अमरावती/दि.23 – यदि आप कोई न्यायालयीन लडाई लडना चाहते है और अपने खर्च पर वकील रखने में असक्षम है, तो भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब सरकार आप को नि:शुल्क तौर पर वकील उपलब्ध करायेगी. जिसके लिए देश की संसद द्वारा विधि सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 को मंजूर किया गया है. जिसके तहत जिला विधी सेवा प्राधिकरण द्वारा यह सेवा उपलब्ध करायी जाती है.
किसे मिलती है नि:शुल्क विधि सहायता
अनुसूचित जाति व जमाति के सदस्य, 3 लाख रूपये से अधिक की सालाना आय नहीं रहनेवाले व्यक्ति, औद्योगिक कामगार, कारावास या कैद में रहनेवाले व्यक्ति, वांशिक हिंसाचार, जातिय हिंसाचार, प्राकृतिक आपदा, बाढ, अकाल, भूकंप अथवा औद्योगिक आपदा का शिकार रहनेवाले व्यक्ति, विकलांगता अधिनियम 1995 के अनुसार दिव्यांग व्यक्ति, मानवी तस्करी के शिकार व्यक्ति तथा भीख मांगकर गुजारा करनेवाले व्यक्ति को नि:शुल्क विधि सहायता प्राप्त हो सकती है.
तीन लाख सालाना आय की शर्त
गरीबों के लिए वकील का खर्च उठाना संभव नहीं होता. जिसके चलते न्यायालय में न्याय प्राप्त करने में दिक्कत होती है. ऐसे में विधि सेवा प्राधिकरण के जरिये पैनल पर वकील की नियुक्ती की जाती है. सर्वसाधारण व्यक्ति के लिए सालाना तीन लाख रूपये अधिकतम आय की शर्त तय की गई है. वहीं महिलाओं तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के नागरिकों हेतु अधिकतम आय की कोई शर्त नहीं है.
इस हेतु दिया जाता है खर्च
न्यायालय में मामला दाखिल करने हेतु पूरी सहायता, सरकारी खर्च पर वकील की नियुक्ति, आवश्यक कोर्ट फी स्टैम्प, टाईपिंग, झेरॉक्स व अन्य दस्तावेज तैयार करने का खर्च तथा साक्षीदारों को समन्स भेजने का खर्च भी संबंधित पक्षकार को विधि सेवा प्राधिकरण की ओर से उपलब्ध कराया जाता है.
नि:शुल्क कानूनी सेवा के लिए कैसे करें आवेदन
संबंधित प्राधिकरण या समिती के पास या तो लिखीत स्वरूप में आवेदन किया जा सकता है अथवा कानूनी सहायता प्राप्त करने की मौखिक वजह बताकर संबंधित अधिकारी के जरिये निर्धारित प्रारूप में आवेदन किया जा सकता है. ऐसे मामलों में संबंधित विधि सेवा प्राधिकरण के अधिकारी तथा पैरालिगल स्वयंसेवकों द्वारा उस व्यक्ति की सहायता की जा सकती है.