नेताओं, अधिकारियों, पदाधिकारियों पर भी छाया होली का खुमार
मित्रों सहित परिजनों के साथ उडाएंगे रंग

* कलेक्टर और सीईओ के निवास पर विशेष मेनू
* अमरावती मंडल से बोले शहर और जिले के चर्चित लोग
अमरावती/दि. 13 – रंगोत्सव की धूम मची है. फागुन का हर्षोल्लास चरम पर पहुंच रहा है. बच्चे के लेकर बडे तक सभी होलियाना मूड में आ गए हैं. चारों ओर हर्ष और रंग छाए हैं. ऐसे में अमरावती मंडल ने अपने कर्णधारों, जनप्रतिनिधियों, राजनेताओं, उच्चाधिकारियों से बात की. उनकी होली की परंपरा और उसे मनाने के अंदाज के बारे में पूछा तो सभी ने दिल खोलकर होली की चर्चा की. अनेक ने रंगों के त्यौहार को अपना प्रिय त्यौहार बतलाया, उसी प्रकार अपने क्षेत्र की परंपराओं का उल्लेख किया. ऐसे ही घर परिवार में बननेवाली मिठाईयों की भी खास चर्चा इस दौरान की. जिले के कलेक्टर सौरभ कटियार ने जहां कहा कि, उनके यहां लखनवी अंदाज में रंगोत्सव मनाया जाता है, वहीं मिनी मंत्रालय की मुखिया संजीता मोहपात्रा ने बताया कि, उनके यहां खास ओडिया पकवान बनाए जाते हैं. वहीं कुछ राजनेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि, वे त्यौहार की परंपरा मनाते हैं किंतु रंग नहीं खेलते.
* आश्रमशाला में रहेगी होली
सांसद और भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. अनिल बोंडे ने स्पष्ट कहा कि, वे हमेशा से आश्रमशाला के विद्यार्थियों संग सहपरिवार होली खेलते हैं. इस बार भी वे भातकुली की आश्रमशाला में रंगों का त्यौहार मनाएंगे. उसी प्रकार अपने बोंडे हॉस्पिटल के चिकित्सकों व स्टाफ के साथ उनकी होली रहती है. सभी एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. डॉ. बोंडे ने बताया कि, परिवार की परंपरा का निर्वहन होता है. होलिका दहन पश्चात रंग-गुलाल उडाना शुरु कर देते हैं.
* जन-जन के साथ तिलक होली
सांसद बलवंत वानखडे ने होली मनाने के बारे में पूछते ही कहा कि, पहले वे अधिक रुचि नहीं लेते थे किंतु जनप्रतिनिधि बनने के बाद से लगातार मित्रों और जन-जन के साथ वे होली खेलते हैं. लोग ही उन्हें आकर कलर लगाते हैं. वे भी रंग लगाते हैैं. गुलाल का उपयोग बेशक अधिक होता है. सर्वत्र हंसी-खुशी का माहौल रहता है. इससे भी भला लगता है. सांसद वानखडे ने बताया कि, परिवार में होली के त्यौहार पर मिष्ठान्न का आदान-प्रदान होता है.
* परिवार संग रहती होली
जिलाधीश सौरभ कटियार ने कहा कि, रंगों का त्यौहार उन्हें बडा पसंद है. वे लखनऊ के हैं. लखनवी अंदाज में उनके यहां घर परिवार के सदस्यों और खास मित्रों के साथ रंग खेलते हैं. पहले दिन बेशक होली सजाकर पूजन के बाद होलिका दहन होता है. विशेष व्यंजन की बात करें तो गुझिया बनाई जाती है. सभी इसका लुत्फ लेते हुए रंग खेलते हैं.
* दहीबडे का ओडिया अंदाज
जिला परिषद की सर्वेसर्वा संजीता मोहपात्रा ने होली मनाने की खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि, परिवार और मित्रों के साथ खूब रंग खेलते हैं. घर में ओडिया परंपरा के अनुरुप दहीवडे, आलूदम और पीठा बनाया जाता है. जिसका सभी मिलबैठकर आनंद लेते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि, स्टाफ के साथ भी रंग लगाने का उन्हें आनंद आता है. जिला परिषद की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि, दहीबडे का ओडिया अंदाज अलग रहता है. यह थोडे खट्टे होते हैं. उसी प्रकार पीठा यह मिष्ठान्न सूजी से बनाया जाता है. इसके बहुत सारे प्रकार हैं. मोहपात्रा ने परिजनों के साथ होली मनाने की बात कही.
* खोडके दंपत्ति नहीं खेलते रंग
शहर की विधायक सुलभा खोडके और उनके यजमान तथा राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेश कार्याध्यक्ष संजय खोडके ने कहा कि वे बीते दो दशकों से रंग नहीं खेलते. किंतु होली की पूजा और दहन आदि की परंपरा का निर्वहन बराबर होता है. विधायक खोडके ने कहा कि गांव से ही उनकी होली की परंपरा रही है. पूजन करने के बाद गुलाल का टीका लगाते हैं. घर परिवार के वरिष्ठ जनों के आशीर्वाद लेते हैं. पूरण पोली का मेनू रहता है. श्रीमती खोडके ने यह जरूर कहा कि वे पुरण पोली अवश्य पसंद करती है. वहीं संजय खोडके ने बताया कि लडकपन में गाडगेनगर की गली के साथियों संग खूब होली खेलते थे. अब काफी समय हो गया. रंग नहीं खेलते. होली पर घर परिवार और मित्र जनों को बधाई व शुभकामनाएं अवश्य देते हैं.
भिवापुर में जमेगा रंगोत्सव का रंग
तिवसा के विधायक राजेश वानखडे ने बताया कि होली का त्यौहार मनाने की पारिवारिक परंपरा का निर्वहन अवश्य होता है. उसी प्रकार पिछली बार उन्होंने वीर गव्हाण में बंजारा बेडे पर जाकर होली का त्यौहार मनाया था. इस बार भी वे भिवापुर में होली मनायेंगे. आज पूजन और कल धुलिवंदन रहेगा. धुलिवंदन पर परिवार व मित्रों के साथ रंग गुलाल उडेगा. साथ ही वे भिवापुर में होली मनायेंगे. उनके सभी संगीत साथी उनके साथ होंगे.
राणा दंपत्ति का होली उत्सव रद्द
भूतपूर्व सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा ने इस बार माताजी राजिंदर हरभजन सिंह कौर के निधन के कारण होली के सभी आयोजन रद्द कर दिए हैं. राणा दंपत्ति की मेलघाट के आदिवासियों के साथ विशेष होली रहती है. किंतु इस बार माताजी के निधन के शोक में अपनी होली की परंपरा उन्होंने खंडित की है. किंतु शुभकामनाएं अवश्य दी है. उनका कहना है कि वे मेलघाट के सभी आदिवासी बंधु भगिनी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आदिवासी के जीवन में होली के रंगों जैसा उत्साह और आनंद दो गुना हो जाए.
रेडवा और चिंचकुंभ में होलीा
अचलपुर के विधायक, बीजेपी नेता प्रवीण तायडे ने कहा कि होली का त्यौहार उनका पसंदीदा पर्व हैं. घर में पूजन और दहन होने के साथ अगले दिन मित्रों और परिजनों के संग होली खेलते हैं. इस बार वे पार्टी के आदेशानुसार रेडवा और चिंचकुंभ ग्राम जा रहे हैं. वहां आदिवासी भाईयों के साथ उनका रंंगोत्सव रहेगा. पदाधिकारी कुंदन यादव, अहीर , विशाल काकड और अन्य सभी बेशक उनके साथ होंगे. तायडे ने बताया कि जो पारंपरिक मिठाईयां घर में बनती है, उसका सभी के साथ आनंद लेंगे.
कर्ज माफी के लिए रंगेंगे सडक
अचलपुर के भूतपूर्व विधायक और प्रहार जनशक्ति पक्ष के सर्वेसर्वा बच्चू कडू ने कहा कि दिव्यांगों के साथ होली का पूजन करेंगे. पश्चात अगले दिन वे राज्य सरकार से किसानों की कर्ज माफी हेतु गुहार लगायेंगे. होली पर 5 किलोमीटर सडक रंगेंगे. जिन पर शासन से कर्ज माफी की गुहार लिखी होगी. कडू ने बताया कि पिछले वर्ष भी उन्होंने शालाओं को रंगरोगन कर होली मनाई थी. इस बार वे परतवाडा की गाडगेबाबा वाचनालय की रंग रंगोटी करेंगे. बच्चू कडू अपने अनोखे आंदोलनों के लिए फेमस हैं. उन्होंने कहा कि परंपरा के अनुसार घर में पूरणपोली बनती हैं. आए हुए मेहमानों का मुंह मीठा किया जाता है.
रंग नहीं खेलता
मोर्शी के विधायक उमेश उर्फ बंडू यावलकर ने कहा कि परिवार की परिपाटी के कारण वे रंग नहीं खेलते. किंतु घर परिवार और मित्रों के साथ होली की पूजा करते हैं. एक दूसरे को बधाई व शुभकामनाएं देते हैं. अपने क्षेत्र के लोगों के साथ समय बिताते हैं.
मित्रों संग जमकर होली
मोर्शी के पूर्व विधायक देवेन्द्र भुयार ने तत्काल कहा कि उनके हम उम्र अनेक युवा मित्र हैं. 40-50 गांवों में उनकी मित्रों की टोली है. सभी को एकत्र कर रंगोत्सव धूम से मनाते हैं. उसी प्रकार गांव के वरिष्ठ जनों को अवश्य कलर लगाकर आशीर्वाद लेते हैं. पास पडोस के गांवों में भी जाकर मित्रों व परिचितोें को रंग से सराबोर करते हैं. साथ में बैठकर गांव व मोहल्ले के लोगों के साथ बर्फी, चूडा, चना मसाला का आस्वाद लेते हैं.
* तिलक होली और श्रीखंड का चाव
भूतपूर्व मंत्री तथा कांग्रेस नेता डॉ. सुनील देशमुख ने बताया कि रंग पंचमी पर परिवार और परिचित 5-4 ग्रुप व बच्चों संग रंगोत्सव होता है. वे तिलक होली मनाते हैं. घर परिवार में महिलाएं मिष्ठान्न बनाती है. इस बार श्रीखंड का भी लुत्फ रहेगा. डॉ. सोनाली ने खीर बनाने की बात कहीं है और अन्य पकवान होंगे ही.
* दाल बाटी चूरमा बनता हमारे यहां
राजस्थानी परिवेश के कांग्रेस नेता बबलू शेखावत ने बताया कि उनके यहां दाल बाटी चूरमा और अन्य राजस्थानी पकवान होली के अवसर पर खास तौर से बनते हैं. वे परिवार के साथ पूजन करते हैं और मां का आशीर्वाद लेकर पत्नी व बच्चों संग रंग खेलते हैं. श्रीमतीजी कस्टर्ड या श्रीखंड भी बनाती है. बच्चों की पसंद का ध्यान रखना पडता है. धूलिवंदन पर वे बाहर नहीं जाते. रिश्तेदारों और परिजनों संग रंगोत्सव मनाने का उनका प्रचलन व परिपाटी हैं.
* मोहल्ले की होली की पूजा
भूतपूर्व विधायक जगदीश गुप्ता ने बताया कि उनके यहां सार्वजनिक रूप से जगाई जाती होली की पूजा की परंपरा है. क्षेत्र के लोगों के साथ पूजन व होली का दहन करते हैं. फिर मित्रों के साथ रंग खेलते हैं. घर में मिठाई के रूप में पूरणपोली की परंपरा तो है ही. बुंदेलखंडी परंपरा के अनुरूप गीले वडे व मंगोडे भी खास तौर से बनाए और खाए जाते हैं. जगदीश गुप्ता ने समस्त अमरावतीवासियों को होली व रंगोत्सव की बधाई व शुभकामनाएं दी.
* ढोल ताशे के गजर में जाते होली में
मेलघाट के विधायक रहे प्रहार नेता राजकुमार पटेल ने बताया कि उनके क्षेत्र में होली सबसे प्रमुख त्यौहार हैं. इस पर्व की परंपरा का सभी पालन करते हैं. पुलिस पटेल के घर से ढोल ताशे के निनाद में सभी पहले होली सजाने जाते हैं. उससे पहले दिन जंगल में जाकर सूखी लकडियां बीन कर लाई जाती हैं. शाम के वक्त होली जलाते हैं. इसके बाद शुरू हुआ रंग लगाने का सिलसिला अगले 5 दिनों तक चलता है. न केवल गांव बल्कि आसपास के गांवों में भी जाकर परिचितों, रिश्तेदारों को कलर लगाया जाता है. नाच गाना होता है. रंग पंचमी तक रंग लगाने का क्रम बारी- बारी से चलता है. दूसरे गांव भी जाते हैं. फिर फगवा मांगा जाता है. उपरांत होली समाप्त होती है. मेलघाट के प्रत्येक गांव में आपको होली का उत्साह अवश्य दिखाई देगा. पूर्व विधायक पटेल ने लोगों से मेलघाट में आकर रंगोत्सव में सराबोर होने का खुला निमंत्रण भी दिया.
* मनपा आयुक्त इस बार अलिप्त
महापालिका आयुक्त और प्रशासक सचिन कलंत्रे ने बताया कि वे होली का त्यौहार अवश्य मनाते हैं. किंतु इस बार उनकी माता जी के निधन के शोक में वे रंगोत्सव नहीं मनायेंगे. कलंत्रे ने बताया कि वृक्ष का पूजन कर होली की परंपरा का निर्वहन अवश्य करेंगे. मनपा आयुक्त ने लोगों से भी वृक्ष पूजन कर होली मनाने और पर्यावरण को ध्यान में रखकर पर्व मनाने का आवाहन किया.
डफ बजाकर फाग गाता हूं
मेलघाट के विधायक, बीजेपी नेता केवलराम काले ने कहा कि हमारा प्रमुख त्यौहार ही होली है. मेलघाट के गांवों में 5 दिनों तक उत्सव रहता है. रंगोत्सव की ध्ाूम सर्वत्र होती है. आनंदोत्सव मनाया जाता है. आदिवासी परंपरा के अनुरूप होली जलाते हैं. फिर रंगोत्सव मनाते हैं. संस्कृति की नाच गाना, ढोल और डफ बजाने व फाग गीतों को गाने की हैं. मैं भी ढोल, डफ बजाकर फाग गीत गाता हूं. सभी के साथ रंगोत्सव मनाता हूं. मीठी सेवली इस पर्व पर बनाई जाती हैं. महिलाएं भी हमारे यहां उत्सव में सहभागी होती है. फाग मांगने की परंपरा भी आदिवासी संस्कृति में हैं. बडे बुजुर्ग आशीर्वाद के साथ फाग का नेग (उपहार) देते हैं.
नर्मदा स्नान करने जा रहा हूं
शहर के सर्वाधिक समय तक मेयर रहे कांग्रेस नेता विलास इंगोले ने कहा कि वे फागुन पूर्णिमा के अवसर पर नर्मदा स्नान के लिए ओंकारेश्वर जा रहे हैं. वे धर्म परायण व्यक्ति है. होली की परिवार की परंपरा का अवश्य निर्वहन करते हैं.