इंजीनिअरींग छोड खेती में उतरा और कमाल कर डाला
डेढ एकड खेत में ड्रैगन फू्रट की खेती से बदल डाली किस्मत
यवतमाल/दि.22- राज्य में सबसे अधिक किसान आत्महत्याओं के लिए बदनाम रहनेवाले यवतमाल जिले में घुमंतू समुदाय से वास्ता रखनेवाले अमोज चव्हाण नामक युवा इंजीनियर ने अपने जिले और अपने समाज के माथे पर लगे दाग को पोंछने का शानदार प्रयास किया है. जिसके तहत इस युवक ने इंजीनिअरींग के क्षेत्र को छोडकर खेती-किसानी में अपना हाथ आजमाया और डेढ एकड खेत में ड्रैगन फू्रट की खेती सफलतापूर्वक करते हुए शानदार आय भी अर्जीत की. जिसके जरिये अब क्षेत्र के किसानों के पास ड्रैगन फू्रट की खेती करने का शानदार पर्याय उपलब्ध हो गया है.
उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर यवतमाल जिला किसान आत्महत्याओं के लिए पूरे देश में कुख्यात है. वहीं दूसरी ओर घुमंतू समुदाय के माथे पर अपराधी होने का ठप्पा लगा हुआ है और आज भी इस समुदाय के लोगों को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है. ऐसे में यवतमाल जिले और घुमंतू समुदाय से वास्ता रखनेवाले अमोज चव्हाण ने अपने जिले और अपने समाज के माथे पर लगे धब्बे को मिटाने का निर्णय लिया. जिसके तहत उसने ड्रैगन फू्रट की खेती से आर्थिक उन्नति का नया रस्ता खोज निकाला.
जानकारी के मुताबिक दिग्रस तहसील के आनंदवाडी में घुमंतू समुदाय के बेडे पर रहनेवाले अमोज चव्हाण ने विपरित स्थितियोें से जूझते हुए पहले तो अपनी पढाई-लिखाई पूरी की और इंजीनियर बनने में सफलता हासिल की. लेकिन उसकी रूची खेती-किसानी में थी. ऐसे में वह इंजीनिअरींग के क्षेत्र को छोडकर खेती-किसानी की ओर मुडा. साथ ही उसने पारंपारिक खेती करने की बजाय ड्रैगन फू्रट की खेती करने का निर्णय लेते हुए क्षेत्र के किसानों के सामने एक नया प्रयोग प्रस्तुत किया. जिसके तहत अमोज ने केवल डेढ एकड क्षेत्र में ड्रैगन फू्रट की खेती की और पहली ही तुडाई में करीब तीन क्विंटल फल निकले. जिन्हें बाजार में 16 हजार रूपये प्रति क्विंटल के दाम मिले और अमोज चव्हाण को 48 हजार रूपये की आय हुई. विशेष उल्लेखनीय है कि, इस फसल की काल मर्यादा 30 वर्ष होती है. ऐसे में इस फसल के जरिये किसानों को लगातार 30 वर्ष तक आय हो सकती है. जिसके चलते ड्रैगन फू्रट को किसानों के लिए बडी फायदेमंद उपज कहा जा सकता है.
बता दें कि, ड्रैगन फू्रट की 150 से अधिक प्रजातियां है. जिसमें से अमोज ने स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक रहनेवाली जम्बो रेड प्रजाति का चयन किया है और इस प्रजाति के फल की उपज करते हुए आर्थिक उन्नति का रास्ता क्षेत्र के किसानोें के लिए खोल दिया है.