अमरावती

कारंजा लाड के तेंदूए के जंगल में छोड़ा

मेलघाट में पैर की जख्म चाटकर करेगा ठीक

परतवाड़ा (अमरावती)/दि.10 – वाशिम जिले के कारंजा लाड में कटनी ट्रॅप में फंसे तेंदूए को आखिरकार मंगलवार की देर रात मेलघाट के जंगल में छोड़ा गया. उसके पैर की जख्म पूरी तरह ठीक होने के लिए उसे मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के सिपना वन्यजीव विभाग अंतर्गत सेमाडोह वनक्षेत्र में छोड़ा गया. वनविभाग का कहना है कि नैसर्गिक अधिवास में वह जख्म को चाटकर ठीक करेगा.
मंगलवार को परतवाड़ा के ट्रान्झिट ट्रिटमेंट सेंटर से तेंदूए को अत्यन्त गुप्त रूप से रात 9 बजे के करीब पिंजरे में लिया गया. वन अधिकारी व कर्मचारियों का ताफा तेंदूए को लेकर परतवाड़ा धारणी मार्ग से रात में ही सेमाडोह क्षेत्र में पहुंचे और गुप्त रुप से उसे जंगल में छोड़ दिया.
कारंजा लाड वनपरिक्षेत्र में 4 फरवरी को इस आठ वर्षीय तेंदूए के पैर में जख्म होने के कारण उसे उपचारार्थ परतवाड़ा में दाखल किया गया था. 8 फरवरी तक उस पर औषधोपचार किया गया. उसके पैर की जख्म ठीक होते देख उसकी क्रियाशीलता को देखते हुए उसे जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया.

ऑनलाइन बैठक – तेंदूए को जंगल में छोड़ने से पूर्व ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई. बैठक में वन्यजीव रक्षक जयंत वडतकर व सावन देशमुख, वाशिम के सहायक वनसंरक्षक विपुल राठोड, सिपना वन्यजीव विभाग की उपवनसंरक्षक दिव्या भारती एम., सहायक वनसंरक्षक मधुमिथा एस व कमलेश पाटील और डॉ. प्रीतम आचार्य उपस्थित थे. बैठक में तेंदूए को जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया.

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