विधायकों, सांसदों की पेंशन बंद करे, प्रहारियों की मांग
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम भिजवाया ज्ञापन
अमरावती/ दि.16- पूरे राज्यभर में सभी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को लेकर 14 मार्च से हडताल शुरु है. कडी मेहनत कर जनता की सेवा करने वाले कर्मचारियों की पेंशन बंद की गई. ऐसे में विधायकों, सांसदों को पेंशन की क्या जरुरत है, उनकी भी पेंशन बंद की जाए, ऐसी मांग को लेकर प्रहार जनशक्ति पक्ष के महानगर प्रमुख बंटी रामटेके के नेतृत्व में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भिजवाया.
प्रहार जनशक्ति पक्ष की ओर से सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि, राज्य के पूरे कर्मचारी पुरानी पेंशन के लिए 14 मार्च से अनिश्चितकालिन हडताल पर है. कडी मेहनत कर जनता की सेवा करने वाले कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी और जो विधायक, सांसद महोदयो की स्कूल, कॉलेज, कारखाने, होस्टल, बडी-बडी शिक्षा संस्थाएं है, ऐसे विधायकों की पेंशन शुरु है. दिव्यांग हृदय सम्राट विधायक बच्चू कडू ने सबसे पहले आमसभा में विधायकों की पेंशन बंद करने का मुद्दा उठाकर उन्होंने स्वयं पेंशन लेने से इंकार किया है. सरकारी कर्मचारी को पेंशन नहीं, तो इतनी बडी-बडी संस्थाएं लेकर चल रहे विधायकों और सांसदों को पेंशन की क्या जरुरत है. इस वजह से सभी विधायकों व सांसदों की सबसे पहले पेंशन बंद की जाए, ऐसी मांग करते समय प्रहार के महानगर प्रमुख बंटी रामटेके, संपर्क प्रमुख गोलू पाटील, जिला महासचिव शेख अकबर, संगठक प्रमुख श्याम इंगले, रावसाहब गोंडाणेे, वृषभ मोहोड, पंकज सुरलकर, विक्रम जाधव, नंदू वानखडे, अजय तायडे, कुणाल खंडारे, मनीष पवार, सौरभ रत्नपारखी, अनिता सोमकुंवर, सुलभा तेलमोरे, प्रिया जवंजाल, निता इंगले, उषा गायकवाड, लता मिसले, रंजना सरोदे, पंचफुला डेरिया, अनिता जवंजाल, ज्योती इंगले, सबाना परवीन आदि उपस्थित थे.
राज्यभर में आंदोलन छेडेंगे
राज्यभर के कर्मचारियों की पेंशन बंद की गई है. बडी-बडी संस्थाएं चलाने वाले विधायकों और सांसदों को पेंशन की जरुरत न होने पर भी पेंशन दी जा रही है. उनकी पेंशन बंद की जाए और राज्य के कर्मचारियों को न्याय दिया जाए, ऐसी हमारी मांग है, अगर मांग पूरी नहीं की जाती है, तो प्रहार जनशक्ति पक्ष की ओर से अमरावती शहर के साथ ही पूरे राज्यभर में तीव्र जनआंदोलन छेडा जाएगा.
– बंटी रामटेके, महानगर प्रमुख, प्रहार