अमरावतीमहाराष्ट्र

दाभा गांव में पकडा गया तेंदुआ

5 घंटे चला रेस्क्यु ऑपरेशन

* दो वन कर्मचारी भी हुए घायल
* ट्रॅन्क्युलायजर से किया गया बेहोश
* मौके पर लगी रही सैकडों लोगों की भीड
अमरावती/दि.8– समीपस्थ दाभा गांव के पास नाले में छिपकर बैठे तेंदुए को पकडने के लिए वन विभाग की टीम ने करीब 4 से 5 घंटे तक रेस्क्यु ऑपरेशन चलाया. जिसके बाद उस तेंदुए को शाम 6 बजे के आसपास पकडा जा सका. इस हेतु वनविभाग के दल को तेंदुए पर बेहोशी की दवा से भरे डॉट यानी ट्रॅन्क्युलायजर का प्रयोग करना पडा. वहीं इस अभियान के दौरान वनविभाग के दो कर्मचारी भी घायल हुए. साथ ही तेंदुए को पकडने की इस कार्रवाई को देखने हेतु मौके पर तमाशबीनों का अच्छा खासा हुजूम लगा हुआ था. जिसमें से कई लोग आसपास स्थित टेकडी व पेड पर चढे हुए थे.

इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक दाभा गांव में रहनेवाला निरंजन वानखडे नामक व्यक्ति अपनी बकरियों के लिए चारा लाने हेतु अतुल वाठ खेत के पास स्थित नाले के किनारे गया था और सुबह साढे 10 बजे के आसपास निरंजन वानखडे को अपने ठीक सामने तेंदुआ दिखाई दिया. निरंजन को देखते ही तेंदुए ने जोरदार दहाड लगाई. जिससे डर कर निरंजन वानखडे वहां से भाग निकला और उससे गांववासियों सहित वन विभाग को इसकी जानकारी दी. पश्चात दोपहर 12 बजे के आसपास वन विभाग का दल तेंदुए को पकडने हेतु मौके पर पहुंचा. लेकिन तेंदुआ नाले के भीतर झाडियों में छिपा हुआ था. जिसे खोजने और बाहर निकालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा था. ऐसे में वन विभाग का दल हर संभव पर्याय का उपयोग करते हुए किसी न किसी तरह तेंदुए तक पहुंचने का प्रयास कर रहा था. जिसके लिए जेसीबी मशीन का भी उपयोग किया गया.

इसी दौरान दोपहर 3.30 से 4.30 बजे के आसपास तेंदुआ अचानक झाडी से बाहर आया और उसने वन विभाग के दल पर धावा बोलने का प्रयास किया. इस समय तेंदुआ अचानक ही सामने आ जाने की वजह से वन विभाग के दल में भगदड मच गई. जिसकी वजह से 3 से 4 अधिकारी व कर्मचारी नीचे गिर पडे. जिन्हें अच्छी खासी चोटे भी आयी. सौभाग्य से तेंदुए का एक पांव पहले से घायल रहने के चलते वह इन लोगों पर छलांग नहीं लगा पाया. इसके बाद तेंदुए ट्रॅन्क्युलॉयज यानी बेहोश करने का निर्णय लिया गया. साथ ही निशाना साधते समय तेंदुआ इधर-उधर न हो पाए. इस बात के मद्देनजर आसपास में जाली लगाई हुई जिसके बाद तेंदुए को बेहोश करते हुए पकडा गया और उसे पिंजरे में बंद कर लिया गया. इस पूरी कवायत में करीब 5 घंटे का समय लगा. इस बीच दावा परिसर में तेंदुआ रहने की खबर आसपास के इलाकों में फैल चुकी थी. जिसके चलते दाभा व लोणी सहित अमरावती व बडनेरा के भी कई लोगबाग मौके पर तेंदुए को पकडने की कार्रवाई देखने हेतु पहुंच गये थे.

उपवन संरक्षक अमित मिश्रा व पशुधन विकास अधिकारी डॉ. सागर ठोसर के मार्गदर्शन में चलाए गए इस रेस्क्यु अभियान में वन परिक्षेत्र अधिकारी वर्षा हरणे, वनपाल अमोल गावनेर, सुरेश मुनगट, फिरोज खान, वनरक्षक सचिन वानखडे, अंसार दर्जीवाले, सुभाष गवई, वाहन चालक संदीप चौधरी के पथक ने हिस्सा लिया.

* तेंदुए को किया गया संगोपन केंद्र में भर्ती
इस तेंदुए को ट्रॅन्क्युलाइज करते हुए पकडने के बाद उसे वडाली वन्यप्राणी संगोपन केन्द्र में ले जाया गया. जहां उसका इलाज किया जा रहा है. यह नर तेंदुआ करीब 5 से 6 वर्ष की आयु का है और उसका एक पैर काफी हद तक चोेटिल है. ऐसी जानकारी वन विभाग द्बारा दी गई है.

 * खेत में खडी फसल का हुआ नुकसान
दाभा गांव के निकट नाले में छिपे तेंदुए को पकडने के लिए वन विभाग के दल ने जेसीबी मशीन का प्रयोग किया और यह जेसीबी मशीन नाले के पास स्थित खेत से होकर नाले तक लायी गई. साथ ही उसे खेत में ही कई बार इधर से उधर किया गया. जिससे खेत में खडी तुअर की फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. इसके साथ ही तेंदुआ देखने आए कई लोगों ने भी तुअर की फल्लियां खाने के लिए तोड ली. ऐसे में संबंधित खेत मालिक का काफी बडा नुकसान हुआ है. जिसे नुकसान भरपाई दिए जाने की मांग की जा रही है.

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